हर ईमानदार को चौकीदार पर विश्वास; जो भ्रष्ट है उसको मोदी से कष्ट है: PM मोदी

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कुरुक्षेत्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम में 20 हजार महिला सरपंच और पंच को स्वच्छता का संकल्प दिलाने पहुंचे। उन्होंने इस कार्यक्रम में स्वच्छता अभियान के तहत अपने गांवों को खुले शौच से मुक्त कराने के लिए 12 महिला पंच और सरपंचों को सम्मानित किया।
इसी मंच से सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हर ईमानदार को इस चौकीदार पर विश्वास है, लेकिन जो भ्रष्ट हैं उसको मोदी से कष्ट है। हरियाणा में भी जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों से कैसे कैसों का पसीना छूट रहा है। महा मिलावट के ये सारे चेहरे जांच एजेंसियों और कोर्ट को धमकाने में जुटे हैं।
आप आश्वस्थ रहिए ये चौकीदार इनकी धमकियों और गालीगलौज से डरने वाला नहीं है। न रुकने वाला है और न झुकने वाला है। देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का हमारा सफाई अभियान और तेज होने वाला है।’
मोदी ने कहा, ‘आजादी के लगभग 70 वर्षों में स्वच्छता का जो दायरा 40 प्रतिशत था वह 98 प्रतिशत पहुंच गया है। साढ़े चार वर्षों में 10 करोड़ से अधिक टॉयलेट बनाए जा चुके हैं। 600 जिलों के गांवों ने खुले में शौच मुक्त कर दिया है। ये सभी काम इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि साढ़े चार वर्ष पहले पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उसी विश्वास पर चलते हुए बिचौलियों और गरीबों का हक लूटने वालों को सारी व्यवस्थाओं से बाहर कर दिया गया है।’
लाल किले से टॉयलेट की बात पर मेरा मजाक उड़ाया गया: मोदी
मोदी ने कहा, 2014 में देश में लगभग 30 करोड़ बहनों को टॉयलेट के लिए अंधेरे का इंतजार करना पड़ता था। लाल किले से मैंने देश की बहन बेटियों को अपमान से मुक्त दिलाने का संकल्प लिया। जो पहले सत्ता में थे उन्होंने कैसे-कैसे मेरा मजाक उड़ाया था। न जाने मुझे क्या क्या कहा गया। कितनी आलोचना की गई। ये कैसा प्रधानमंत्री है, जो लाल किले से टॉयलेट की बात करता है। मेरी सोच और समज को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की गई। ये टिप्पणियां करने वाले या तो वो लोग थे जिन्हें बहनों की परवाह ही नहीं थी। मुझे बहनों की परवाह थी। इसलिए मुझे सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए लोगों के तंज कभी नहीं चुभते। मेरा अपमान वे करते रहें।
उन्होंने कहा, ‘कुरुक्षेत्र की वो धरती है जिस पर हजारों साल पहले एक स्वच्छता का अभियान हुआ था। श्रीकृष्ण के नेतृत्व में हुआ था और अनैतिकता को साफ करने का अभियान हुआ था। दुनिया में शायद गीता का संदेश अपने आप में अजूबा है कि युद्ध की भूमि में जहां जीवन मरण के खेल खेल जाते थे। जहां नैतिकता और अनैतिकता के बीच भीषण संग्राम था। उस धरती पर उसी वातावरण में हजारों साल तक जीवित रहने वाला एक संदेश उस भूमि में प्रकट हुआ। श्रीकृष्ण के मुख से प्रकट हुआ। जिसे हम गीता के नाम से जानते हैं। यही इस देश की विशेषता है।’
स्वच्छ भारत अभियान का अनुकरण दूसरे देश भी कर रहे हैं। भाजपा ने जब मुझे पीएम पद का उम्मीदवार बनाया था तो इसी हरियाणा से मैंने देशवासियों से आशीर्वाद लिया था। उस समय मैंने सेना के जवानों से आशीर्वाद लिया था, आज मैं देशभर की माताओं बहनों से आशीर्वाद ले रहा हूं। जहां भगवान श्रीकृष्ण ने विजय ध्वज फहराया था। वहां से आशीर्वाद ले रहा हूं।
वन रैंक वन पेंशन का वायदा भी यहीं से किया था, जो पूरा किया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत भी यहीं से की थी। कुछ लोगों ने यही सोचा कि हिंदुस्तान का इतिहास 1947 से शुरु होता है और एक ही परिवार से शुरु होता है। उसी ने देश को इतिहास की जड़ों से काटने का पाप किया।

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