नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बुधवार को दिल्ली में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए रैली करेंगी। ममता जंतर-मंतर पर धरने पर भी बैठेंगी। दिल्ली की यह रैली अरविंद केजरीवाल की ओर से बुलाई गई है।
19 जनवरी को ममता ने कोलकाता में महारैली की थी जिसमें 15 दलों के नेता शामिल हुए थे। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा- अखिलेश यादव, आप उत्तरप्रदेश से भाजपा को जीरो कर दो, हम बंगाल से कर देंगे। कौन प्रधानमंत्री बनेगा इससे मतलब नहीं, बस भाजपा को जाना चाहिए।
कोलकाता से दिल्ली आते वक्त ममता ने कहा, “नरेंद्र मोदी जानते हैं कि वह दोबारा सत्ता में नहीं आ रहे। उनकी एक्सपायरी डेट खत्म हो गई है। 15 दिन के भीतर चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा। चुनाव के बाद हम नई सरकार देखेंगे। देश बदलाव चाहता है। देश उस अखंड भारत को देखना चाहता है, जहां लोकतंत्र और समावेशिता कायम रहेगी।”
दिल्ली की रैली में कौन-कौन से नेता शामिल हो रहे हैं, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि इसमें 20 दलों के नेता शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की रैली में पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूदा मुख्यमंत्री समेत कई पार्टियों के नेता शिरकत करेंगे।
यशवंत सिन्हा ने कोलकाता में कहा था कि हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं है, हमारे लिए देश के लोगों के मुद्दे ही मुद्दा हैं। वो चाहते हैं कि हम मोदी को मुद्दा बनाएं, लेकिन हमें इससे बचना होगा। यह पहली सरकार है जो आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है। भाजपा ने देश की हर संस्था को बर्बाद किया। सिन्हा ने कहा कि मंच पर मौजूद बैठे सभी ताकतवर नेताओं से आग्रह करता हूं कि मैं तो फकीरी की ओर हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस मेरा एक ही लक्ष्य है कि इस सरकार को बाहर करें। इसके लिए जरूरी है कि सभी तय करें बीजेपी के प्रत्याशी के सामने हमारा एक ही उम्मीदवार खड़ा हो।
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कोलकाता में कई नेताओं ने संबोधित किया था। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम एक होकर एक नया भारत बनाएंगे। इसके लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा। जनता भी यही चाहती है। वह कह रही है कि अब मोदी सरकार नहीं चाहिए। हमें जनता के इस सपने को पूरा करना है।
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शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा- मोदी के नोटबंदी के फैसले के चलते हजारों लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए लाइन में लगना पड़ा। कई लोगों को दिल का दौरा पड़ गया। नोटबंदी के असर से जनता उबरी ही नहीं थी कि सरकार जटिल टैक्स व्यवस्था जीएसटी ले आई। राफेल पर मेरे तीन सवाल हैं- 126 विमान खरीदे जाने थे तो 26 क्यों खरीदे गए? 500 करोड़ की बजाय 1600 करोड़ रुपए विमान क्यों खरीदे जा रहे? एचएएल को छोड़कर उस कंपनी (अनिल अंबानी की रिलायंस) को ठेका क्यों दिया गया जिस कंपनी ने साइकिल का चक्का तक नहीं बनाया। अगर वह राफेल मुद्दे पर सफाई नहीं देंगे तो जनता कहेगी कि चौकीदार चोर है।