राजस्थान के शहीद 5 जवानों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए देगी राजस्थान सरकार

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जयपुर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार शाम सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले में राजस्थान के पांच जवान शहीद हो गए। इस हमले में सीआरपीएफ के कुल 40 जवान शहीद हुए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दुख जताया है। वहीं सरकार ने देरशाम घोषणा करते हुए कहा कि शहीद जवान के परिजनों को 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।
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कोटा जिले के सांगोद के विनोद कलां गांव के हेमराज मीणा (43) सीआरपीएफ की 61वीं बटालियन में थे। वे 18 साल से फौज में थे। बड़े भाई रामबिलास ने भास्कर को बताया कि हेमराज नागपुर (महाराष्ट्र) में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। वहां से लौटते वक्त इसी सोमवार रात को कुछ देर के लिए गांव आए थे और मंगलवार सुबह साढ़े 6 बजे गांव से रवाना होकर बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। दोपहर बाद जैसे ही हमले की खबरें आई तो बेटियों की फौज के अफसरों से बात हो गई थी, इसके बाद मेरी भी कमांडर से बात हुई, तब जाकर उनकी शहादत की पुष्टि हुई। जाते वक्त हेमराज मीणा ने पत्नी से 20 दिन बाद ही वापस लौटने का वादा किया था एवं कहा था कि आने के बाद परिवार के साथ घूमने जाएंगे।
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राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर गांव निवासी भागीरथ कंषाना सीआरपीएफ की 45 वीं बटालियन में तैनात था। गुरुवार को हुए आतंकी हमले में वे शहीद हो गए। भागीरथ के दो बच्चे हैं। इसमें एक बेटा और एक बेटी है। बताया गया है कि भागीरथ 17 जनवरी को छुट्‌टी पर आए थे और 11 फरवरी को ही छुट्टी समाप्त होने पर ड्यूटी पर चले गए थे। 4 वर्ष पूर्व ही उनकी शादी हुई थी। वह 2013 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। भागीरथ के बचपन में ही उसकी मां का देहांत हो गया था।
3- 
भरतपुर नगर क्षेत्र के गांव सुन्दरावली निवासी जवान जीतराम भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। शहीद जीतराम घर से 2 दिन पहले ही पुलवामा गए थे। गांव मे जीतराम के शहीद होने की सूचना पर मातम का माहौल छाया हुआ है।
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जयपुर की शाहपुरा पंचायत समिति के गांव गोविंदपुरा बांसड़ी के रहने वाले रोहिताश के शहादत की खूबर सुनकर पूरा गांव शोक में है। श्रीनगर से फोन पर शहादत की खबर सुनकर रोहिताश के भाई जीतेंद्र (जीतू) लांबा की तबीयत बिगड़ गई। परिवार के अन्य लोगों को अभी सूचना नहीं दी गई है, लेकिन गांव के बेटे की शहादत पर गांव पूरी रात जागता रहा। रोहिताश लांबा का जन्म 14 जून 1991 को गोविंदपुर बासड़ी गांव में हुआ था। शिक्षा-दीक्षा बिलांदरपुर स्थित श्याम बाल मंदिर में हुई। रोहिताश का 2011 में सीआरपीएफ में चयन हुआ। एक माह छुट्टी के बाद एक जनवरी को ही ड्यूटी पर गए थे। रोहिताश के सवा दो माह का पुत्र ध्रुव है।
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राजसमंद के बिनोल गांव के निवासी थे नारायण गुर्जर। 12 फरवरी को ही वह ड्यूटी पर लौटे थे। पुलवामा आतंकी हमले में उनकी शहादत की खबर से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।

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