वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुलवामा हमले को भयावह स्थिति करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सही वक्त आने पर वह टिप्पणी करेंगे। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के मास्टरमाइंड कामरान को 18 फरवरी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
-
अमेरिकी विदेश विभाग के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की संवेदनाएं ही नहीं बल्कि उन्हें पूरा समर्थन है। हमले के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, पाकिस्तान को उन्हें सजा देना चाहिए। साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए।
-
वहीं, ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा, “मेरी सारी चीजों पर नजर है। साथ ही मैंने कई रिपोर्ट्स देखी हैं। सही वक्त आने पर मैं इस पर बयान दूंगा। मुझे खुशी होगी अगर भारत और पाकिस्तान साथ आएं।”
-
उधर ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने भी कहा था कि भारत को खुद की सुरक्षा करने का पूरा हक है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, बोल्टन और व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने अलग से बयान जारी करते हुए पाकिस्तान से तुरंत जैश पर कार्रवाई करने और आतंकियों के पनाहगाह खत्म करने को कहा था।
-
फ्रांस और इजरायल भी भारत के साथ आए
पुलवामा हमले के बाद फ्रांस और इजरायल खुलकर भारत के साथ आ गए हैं। वे भारत की हर तरह की मदद के लिए खड़े हैं। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए फ्रांस कुछ दिनों में यूएन में प्रस्ताव लाएगा।
-
फ्रांस दूसरी बार यूएन में ऐसा प्रस्ताव पेश कर रहा है। फ्रांस पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट के देशों में डालने की पहल भी कर सकता है। इसके लिए फ्रांस एफएटीएफ जाएगा।
-
वहीं, इजरायल ने कहा है कि वह आतंकियों के खात्मे के लिए भारत को बिना शर्त हर तरह की मदद देने को तैयार है। इसकी कोई सीमा नहीं है। इस बीच भारत के रुख से डरकर पाकिस्तान यूएन पहुंच गया है। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन महासचिव एंतोनियो गुतेरेस को को पत्र लिखकर भारत के साथ तनाव कम करने की दिशा में मदद मांगी है।