राजनीतिक लड़ाई से मनोबल नहीं टूटा, लेकिन अब डील में हमारी रुचि नहीं: HAL

0
बेंगलुरु। राफेल विवाद को लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने गुरुवार को कहा कि अब राफेल प्रोजेक्ट में उसकी कोई रुचि नहीं है। सरकार ने विमान सौदे में कंपनी की अनदेखी नहीं की।
इस मामले में राजनीतिक लड़ाई से एचएएल के मनोबल और कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा। आज कंपनी के पास बहुत ऑर्डर हैं। एयरो इंडिया शो में एचएएल के चेयरमैन और एमडी आर माधवन ने विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के बयान को लेकर भी जवाब दिया।
  1. माधवन ने कहा, ”जब गलत बातें कही जाती हैं तो अच्छा नहीं लगता, लेकिन हम पर कोई असर नहीं पड़ा। हमारा स्टाफ बहुत उत्साहित है। राफेल प्रोजेक्ट में ऑफसेट पार्टनर बनने और सीधे खरीद में एचएएल की कोई रुचि नहीं थी। सीधे खरीद का फैसला सरकार के ऊपर था। अगर यह बिजनेस के तौर पर हमें मिलता तो जरूर रुचि दिखाते।” भारत ने 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस सरकार के साथ सौदा किया था। यह विमान फ्रांस की दैसो कंपनी तैयार कर रही है। पहले एयरक्राफ्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एचएएल को दिया गया था।
  2. एचएएल के पहले एयरक्राफ्ट की दूसरे विमानों से तुलना पर माधवन ने कहा कि पहला विमान बनाकर हमने बहुत कुछ सीखा। अगर आप सुखोई 30 को देखें तो इसमें हमारा योगदान वास्तविक मैन्यूफैक्चरर से कम था। इसलिए आप हमारे 50वें एयरक्राफ्ट की तुलना दूसरों के 50वें विमानों से कर सकते हैं। हमारे निर्माण की लागत दूसरी कंपनियों से कम है।
  3. कोई भी मीडिया की जानकारियों पर बयान दे रहा
    जनरल वीके सिंह के बयान पर एचएएल ने कहा, ”मिराज 2000 क्रैश को लेकर मीडिया में आई जानकारियों पर बयान नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए। हादसे के बाद कोई भी एचएएल पर सवाल उठाने लगता है। हमारी क्षमता किसी से कम नहीं है। विमान बनाने में कोई कमी नहीं है।”
  4. वीके सिंह ने एचएएल की क्षमता पर सवाल उठाए थे
    पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने बेंगलुरु में मिराज 2000 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कहा था कि एचएएल की हालत देखो, हमारे दो पायलट की जान चली गई। माफी चाहता हूं, लेकिन कंपनी के प्रोग्रामर तीन साढ़े तीन साल पीछे चल रहे हैं। एयरक्राफ्ट के पार्ट्स रनवे पर गिर रहे हैं। ये क्षमता है? दूसरी ओर कहा जा रहा है कि एचएएल को (राफेल) कॉन्ट्रैक्ट मिलना चाहिए था।
  5. एलएएल को दरकिनार करने का राहुल का दावा खारिज
    माधवन ने राफेल डील में एचएएल को दरकिनार करने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर हमें दरकिनार किया जा रहा होता तो इतने ऑर्डर नहीं मिलते। कंपनी के पास कई एक्सपोर्ट क्लाइंट भी हैं। दरअसल, कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार ने सरकारी कंपनी को किनारे कर अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल का कॉन्ट्रैक्ट दिया है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More