मोदी सरकार ने शाहरुख खान को मानद डॉक्टरेट देने से जामिया को रोका

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जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने पूर्व छात्र एक्टर शाहरुख खान को मानद डॉक्टरेट देने की दरख्वास्त की थी, लेकिन केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया। दरख्वास्त खारिज करने की वजह यह बताई गई कि शाहरुख को ऐसी ही डिग्री मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) की ओर से दी गई है। हालांकि, इस तरह की कोई रोक नहीं रही है। राइट टु इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, जामिया की ओर से यह दरख्वास्त बीते साल फरवरी महीने में की गई, जिसे तीन महीने बाद एचआरडी मिनिस्ट्री ने खारिज कर दिया।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर हायर एजुकेशन सेक्रेटरी आर सुब्रमण्यम ने माना कि ‘इस बारे में यूजीसी की ओर से कोई नियम नहीं तय किए गए हैं।’ बड़ी हस्तियों को विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से मानक डॉक्टरेट देने के उदाहरणों के बारे में पूछे जाने पर हायर एजुकेशन सेक्रेटरी ने कहा कि ऐसा तब संभव हुआ होगा जब एक संस्थान को यह नहीं पता हो कि दूसरा क्या कर रहा है। उनके मुताबिक, ‘जहां तक नीतियों का सवाल है, हम इस चलन (एक व्यक्ति को दो मानद डिग्री) को बढ़ावा नहीं देते।’
बता दें कि शाहरुख जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर में 1988-90 में मास्टर्स के छात्र थे। हालांकि, कम अटेंडेंस की वजह से वह फाइनल परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे। द इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, जामिया की ओर से 30 जनवरी 2018 को शाहरुख खान को चिट्ठी लिखी गई। इसमें कहा गया कि शाहरुख इस विश्वविद्यालय के ‘सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र’ रहे हैं, इस वजह से ‘रिश्तों को मजबूत करने’ के लिए विश्वविद्यालय उन्हें मानद डिग्री देना चाहता है। उन्होंने कहा कि वे एचआरडी मिनिस्ट्री की रजामंदी का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद फरवरी में यह अवॉर्ड दिया जाता। खान की ओर से 17 फरवरी 2018 को रजामंदी दे दी गई। रजामंदी में खान के एक सहयोगी की ओर से लिखा गया, ‘इसे कबूल करना गर्व की बात होगी।’
आरटीआई के जवाब में जामिया ने बताया, ‘जामिया मिलिया इस्लामिया ने शाहरुख खान को मानद डिग्री देने के लिए एचआरडी मिनिस्ट्री को लिखा।’ जामिया प्रबंधन के मुताबिक, मंत्रालय इस बात के लिए तैयार नहीं हुआ क्योंकि ऐसी ही मानद डिग्री 2016 में मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी की ओर से शाहरुख को दी गई थी। एचआरडी की ओर से अंडर सेक्रेटरी पीके सिंह ने 26 फरवरी को खत लिखा। इसमें यूनिवर्सिटी प्रबंधन से पूछा गया कि क्या इस मामले में यूनिवर्सिटी के सक्षम अधिकारियों से इजाजत ली गई गई है। वहीं, 14 मार्च 2018 को जामिया की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग के मिनट्स के मुताबिक, शाहरुख को मानद डिग्री देने की रजामंदी दी गई। यह बात मंत्रालय को बता दी गई। हालांकि, आरटीआई की जानकारी के मुताबिक, सिंह ने जामिया को 11 अप्रैल को एक और खत लिखा, जिसमें इजाजत देने से इनकार कर दिया गया। इसमें शाहरुख को मौलाना आजाद संस्थान की ओर से डिग्री देने की दलील दी गई।

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