बडगाम MI-17 क्रैश में कानपुर के दीपक हुए शहीद

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श्रीनगर के बडगाम में MI-17 चॉपर के क्रैश होने से बुधवार को शहीद हुए दीपक पांडे के परिवार में मातम का माहौल है। उनकी आखिरी फेसबुक पोस्ट को याद कर भावुक हुए दोस्तों ने बताया कि वे कितने दिलदार शख्स थे। बुधवार को तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हुए चॉपर में उनकी एक साथी के भी शहीद हो गए। दीपक की शहादत की खबर सुनते ही उनके पिता रामप्रकाश पांडे गश खाकर जमीन पर गिर पड़े।
उनके परिजन और दोस्त फूट-फूट कर रोने लगे। दीपक के पिता ने बताया कि बेटे से बीते मंगलवार की रात मोबाइल पर उनकी बात हुई थी लेकिन उस समय उन्होंने अपने मिशन के बारे कुछ नहीं बताया था। दीपक का साल 2014 में एयर फोर्स में पायलट के पद पर सिलेक्शन हुआ था। दीपक के पिता ने बताया कि 28 जनवरी को ही वह छुट्टियां मनाने घर आया था।
शहीद के दोस्तों ने बताया कि दीपक बहुत ही सरल और सौम्य स्वभाव के थे ,दोस्तों के दिलदार थे। उनका फेसबुक अकाउंट इसकी गवाही है। अपने मन की बातों को अक्सर पंक्तियों में पिरोकर पोस्ट करने की उनकी आदत थी। जो बात वो खुलकर नहीं कह पाते थे उसे सोशल मीडिया के जरिए रखते थे। दीपक ने बीते 19 नवंबर 2018 को फेसबुक पर लास्ट पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था ‘जिंदगी से कोई भी शिकवा नहीं’।
इस पोस्ट ने सभी का दिल जीत लिया था। उनके इस पोस्ट पर उनके कई दोस्तों ने कमेंट्स भी किए थे। दीपक के दोस्त आदित्य और आकाश ने बताया कि दीपक बहुत ही जिंदादिल इंसान थे, उनके पास हर एक समस्या का हल था। लेकिन हमें यह नहीं पता था कि हमारा दोस्त इस तरह से हमें छोड़कर चला जाएगा।
दीपक कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र स्थित मंगला विहार में रहने वाले रामप्रकाश पांडे के के इकलौते बेटे थे। अब परिवार में सिर्फ उनके मां-बाप ही रह गए हैं। शहीद दीपक के पिता रामप्रकाश पांडे ने बताया कि वह अपने बेटे की शादी के लिए घर बनवा रहे थे। अबकी बार जब वह छुट्टी पर आया था तो उसने अपने कमरे का डिजाइन और डेकोरेशन का काम देखा। जाते वक्त उसने मुझसे कहा था पापा अपना और मां का ख्याल रखना मैं जल्दी वापस लौटूंगा। लेकिन मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि बेटे की ऐसी खबर भी सुननी पड़ेगी।
दीपक के पिता ने बताया कि दीपक ने सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की थी, वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छा था और उसका इंटर के बाद ही सितंबर 2012 में इंडियन एयरफोर्स में सिलेक्शन हो गया था। दीपक की पहली पोस्टिंग जामनगर में थी और श्रीनगर में उसकी दूसरी पोस्टिंग थी।

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