केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर लगाया 5 साल का बैन

0
केंद्र सरकार ने घाटी स्थित जमात-ए-इस्लामी (JEL) संगठन को गैरकानूनी बताते हुए इस पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है। सरकार ने यह कार्रवाई संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी के 6 दिन बाद की। फिलहाल संगठन को आर्टिकल-3 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। आरोप है कि यह संगठन पाकिस्तान के प्रति झुकाव रखता है।
घाटी में JEL की स्थापना 1942 में हुई थी। इस पर अब तक तीन बार बैन लग चुका है। केंद्र सरकार के मुताबिक, JEL को राष्ट्रविरोधी और विध्वंसक ‘गतिविधियों’ में शामिल होने के कारण बैन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उच्च स्तरीय बैठक में गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि यह संगठन देश की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है। साथ ही, देश की एकता और अखंडता को बाधित करने की क्षमता रखता है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, JEL के संपर्क आतंकवाद और उससे जुड़े संगठनों से है। अगर इसे बैन नहीं किया गया तो यह देश के लिए खतरा बनकर सामने आएगा। जेईएल पर जम्मू-कश्मीर में तनाव बढ़ाने और सीमा पार से आतंकवाद को साथ देने का भी आरोप है।
JEL को उसकी गतिविधियों के कारण पहले भी 2 बार बैन किया गया है। पहली बार 1975 में इमरजेंसी के समय और दूसरी बार 1990 में पीवी नरसिम्हा राव ने इसे बैन किया था। बता दें कि इस संगठन के नेताओं को पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार के आदेश पर एक हफ्ते पहले हिरासत में लिया गया था। इनमें जेईएल के चीफ डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज के साथ अन्य नेता भी शामिल थे।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More