महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त एवं शिवरात्रि पूजा विधि
फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली महाशिवरात्रि 4 मार्च 2019, सोमवार को सायं 16:28 बजे से आरंभ होगी, जबकि धनिष्ठा नक्षत्र के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत 5 मार्च 2019, मगलवार को रखा जाएगा। महाशिवरात्रि पूजाविधि अनुसार करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान दे देते हैं।
शिवरात्रि पूजा विधि के अनुसार शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से मन की शांति प्राप्त होती है। अगर आप भी महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो बता दें कि शिवरात्रि व्रत का नियम भी होता है, अगर आपने शिव पूजा में महाशिवरात्रि व्रत के नियम का पालन किया तो शिवलोक की प्राप्ति अवश्य होगी। तो आइये जानते हैं महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त एवं शिवरात्रि पूजा विधि…
महाशिवरात्रि 2019 शुभ मुहूर्त
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महाशिवरात्रि 2019 तिथि : 4 मार्च 2019
चतुर्दशी तिथि आरंभ : 16:28 (4 मार्च) सोमवार
चतुर्दशी तिथि समाप्त : 19:07 (5 मार्च) मंगलवार
निशिथ काल पूजा : 24:07 से 24:57
पारण का समय : 06:46 से 15:26 (5 मार्च)
महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि
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महाशिवरात्रि के दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि के अनुसार करने से इच्छित फल, धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि व्रत का सबसे प्रमुख भाग उपवास होता है। सबसे पहले पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें।
स्नान आदि ने निवृत्त होने के बाद हाथ में अक्षत और गंगाजल लेकर महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प लें।
संकल्प लेने के बाद सफेद वस्त्र धारण करें और किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवजी का पंचामृत से अभिषेक कराएं।
शंकर जी का अभिषके करने के लिए पंचामृत में दूध, दही, शहद, गंगाजल और काले तिल का उपयोग करें।
पंचामृत से अभिषेक के बाद शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करें शिवलिंग बेल-पत्र, गाजर, बेर, धतूरा, भांग, सेंगरी और जनेव जरूर चढ़ाएं।
भगवान शिव जी का अभिषेक करने के पश्च्यात शिवपरिवार को केसर का तिलक करें और सफेद फूल की माला अर्पित करें। महाशिवरात्रि पर भगवान का तिलक करने के बाद उन्हें स्वच्छ वस्त्र अर्पित करें और धूप-दीप शिवजी की पूजा करें।
शिव चालीसा का पाठ करने के बाद शिव जी की आरती करना ना भूलें।
आरती करने के बाद उत्तर दिशा की तरफ मुख करके ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। रात्रि में शिव जी का जागरण करना अनिवार्य है।
शिव आराधना में लीन रहते हुए अगली सुबह शिवजी को फल का भोग लगा कर स्वयं भी फल का सेवन कर व्रत खोलें ।
सोमवार, 04 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन की गई शिव पूजा से पिछले समय से चली आ रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं और धन लाभ भी मिल सकता है। यहां जानिए शास्त्रों में बताए उपाए…
शिवरात्रि पर करें इन 8 में से कोई 1 उपाय, दूर हो सकती है परेशानी
महाशिवरात्रि पर रात में किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं । शिव पुराण के अनुसार कुबेर देव ने पूर्व जन्म में रात के समय शिवलिंग के पास रोशनी की थी इसी वजह से अगले जन्म में वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।
महाशिवरात्रि पर छोटा सा पारद (पारा) शिवलिंग लेकर आएं और धर के मंदिर में इसे स्थापित करें। शिवरात्रि से शुरू करके रोज इसकी पूजा करें।
इस उपाय से धर की दरिद्रता दुर होती है और लक्ष्मी कुपा बनी रहती है।
यदि आप चाहें तो शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। धर के मंदिर में जल, दूध, दही, धी, शहद, और शकर से इस शिवलिंग को स्नान कराएं । मंत्र – ॐ नम: शिवाय । मंत्र जप कम से कम 108 बार करें।
हनुमानजी भगवान शिव के ही अंशावतार माने गए हैं।
शिवरात्रि पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी और शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इनकी कृपा से भक्त की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
किसी सुहागिन को सुहाग का सामान उपहार में दें । जो लोग यह उपाय करते है, उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं। सुहाग का सामान जैसे – लाल साड़ी, लाल चुडियां, कुमकुम आदि।
महाशिवरात्रि पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अनाज और धन का दान करें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरिबों को दान करने से पुराने सभी पापों का असर खत्म हो सकता है और
अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जो लोग शिवरात्रि पर किसी बिल्व वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और धी का दान करते हैं, उन्हें महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे लोग जीवनभर सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं और कार्यों में सफल होते हैं।
शिव पुराण के अनुसार बिल्व वृक्ष महादेव का रुप है। इसलिए इसकी पूजा करें।फूल, कुमकुम, प्रसाद आदि चीजें विशेष रुप से चढ़ाएं । इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। शिवरात्रि पर बिल्व के पास दीपक जलाएं ।
महाशिवरात्रि
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भगवान शिव बहुत भोले हैं, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि (04 मार्च, सोमवार) पर शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं।
कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
महाशिवरात्रि पर करें ये आसान उपाय, प्रसन्न होंगे भोलेनाथ
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शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
1. बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
2. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
3. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
4. शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
5. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
6. यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।
शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
6. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
7. कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है।
11. दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
आमदनी बढ़ाने के लिए
महाशिवरात्रि पर घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी पूजा करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें-
ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदानी में इजाफा होता है।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
महाशिवरात्रि पर पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें