सवाल वायुसेना की बहादुरी पर नहीं बल्कि राजनीतिकरण पर है: सचिन पायलट

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जयपुर। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना की बहादुरी पर सवाल उठाने को गलत करार दिया और कहा कि पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर वायुसेना की बमबारी का राजनीतिकरण करना भी समान रूप से गलत है।
पायलट ने यहां मीडिया से कहा, “भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना राष्ट्र के आदर और सम्मान को प्रतिबिंबित करती हैं। हमें हमेशा हमारी सेनाओं पर गर्व रहा है और होना चाहिए चाहे जिस भी पार्टी का सरकार पर नियंत्रण हो।“
उन्होंने कहा कि लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे का राजनीतिकरण करना गलत है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा के बयान का हवाला दिया। येदियुरप्पा ने कथित रूप से कहा था कि इससे पार्टी को राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल करने में मदद मिलेगी।

पायलट ने कहा, “येदियुरप्पा का बयान एक राजनीतिक मानसिकता दर्शाता है। उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।“

राजस्थान कांग्रेस इकाई के प्रमुख ने कहा कि इन स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या जैसा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है, उससे विवाद खड़ा हो गया है।

उन्होंने कहा, “वक्त की जरूरत है कि इस पूरे मुद्दे का राजनीतिकरण न हो।“

इससे पहले केंद्रीय राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से कहा था कि अगर उन्हें 26 फरवरी को हुई हवाई कार्रवाई के सबूत चाहिए तो उन्हें बालाकोट जाना चाहिए।

सिब्बल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आतंकवाद का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था।

राठौड़ ने ट्वीट किया, “आप खुद की खुफिया एजेंसियों के बजाय अंतर्राष्ट्रीय मीडिया पर विश्वास करते हैं?

आप ये देखकर खुश होते हैं कि मीडिया आपके हवाले से कहती है कि कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ।“

राठौड़ समेत तमाम भाजपा नेताओं के पास हालांकि इस बात का कोई जवाब नहीं है कि देश की खुफिया एजेंसियां क्यों सोती रहीं, जिस कारण पुलवामा में इतना बड़ा आतंकी हमला हो गया। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

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