मप्र में पिछड़ों को 27, सामान्य गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण: CM कमलनाथ

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सागर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्गो के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करेगी। साथ ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से दुर्बल नागरिकों के लिए
राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी लागू करेगी। सागर जिले में बुधवार को जय किसान फसल ऋण माफी योजना में किसानों को प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में सभी वर्गो को आगे बढ़ने के अवसर मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
कमलनाथ ने कहा, “किसानों की खुशहाली और नौजवानों की तरक्की के लिए सरकार लगातार 70 दिनों से काम कर रही है। मुख्यमंत्री का पद सम्हालते ही किसानों की कर्जमाफी की। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए युवा स्वाभिमान जैसी योजनाएं लागू की।“
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम कृषि क्षेत्र पर आधारित 70 प्रतिशत लोगों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम कृषि क्षेत्र में ऐसी क्रांति लाएं कि पूरे प्रदेश के विकास का नक्शा बदल जाए। अर्थव्यवस्था की रीढ़ हमारे किसान हैं और उनको मेहनत से किए गए उत्पादन का वाजिब दाम मिले, यह हमारा प्रयास है।“
उन्होंने कहा, “हमारे धरती पुत्र किसान की क्रय शक्ति में वृद्धि होने से प्रदेश का तेजी से विकास होगा। किसान ऋण माफी योजना कर्ज के बोझ से दबे किसानों को मुक्त करने का ऐतिहासिक काम राज्य सरकार कर रही है। सरकार 25 लाख किसानों का ऋण माफ करने जा रही है। इसके बाद हम 25 लाख किसानों को इस योजना का लाभ देंगे।“
राज्य में संभावित निवेश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार प्रदेश में निवेश का एक नया विश्वास का वातावरण बना रही है। हमारा नौजवान विकसित मध्यप्रदेश का भविष्य है। निवेश के जरिए हम हर हाथ को काम देने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।“
जय किसान ऋण माफी योजना समारोह को जिले के प्रभारी एवं वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 12 किसानों को प्रतीक स्वरूप ऋण माफी के प्रमाण-पत्र दिए। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के हितग्राहियों को भी प्रमाण-पत्र और स्वीकृति पत्र दिए।

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