सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का लक्ष्य, नफरत और बंटवारे की राजनीति को समाप्त करने के लिए भाजपा को केन्द्र की सत्ता से बाहर करना: अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन विचारों का गठबंधन है, जो एकाधिकारवादी का मुकाबला करने में सक्षम है।
रालोद के सपा-बसपा गठबंधन में शामिल होने पर अखिलेश ने कहा कि रालोद ने  गठबंधन के साथ जुड़कर मुख्यधारा की राजनीति को नई दिशा दी है। पूरब से पश्चिम तक एक नई लहर पैदा हुई है जिसका लक्ष्य नफरत और बंटवारे की राजनीति को समाप्त करने के लिए भाजपा को केन्द्र की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना हैं।
मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने भाजपा के विरोध के सवाल पर कहा कि भाजपा का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि वह विघटनकारी नीतियों को विस्तार देती है। सामाजिक सद्भाव को नष्ट कर वह विकास की राहें बंद करती है।
उसकी नोटबंदी और जीएसटी ने घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ व्यापारिक प्रगति को भी अवरूद्ध कर दिया है। नौजवानों व बेरोजगारों की बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा का बेरोजगारी पर सर्जिकल स्ट्राईक क्यों नहीं?
किसानों के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता में गांव-किसान खेती नहीं है। भाजपा ने तो असली चौकीदार किसान को ही बना दिया जो अपने खेतों की सुरक्षा में रात-रात भर खड़े रहते हैं। इस सबसे समाज का हर वर्ग आक्रोशित है। उसने अब बूथ स्तर पर भाजपा के विरूद्ध सर्जिकल स्ट्राइक का मन बना लिया है।
अखिलेश ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। देश को संकट से उबारने के लिए एकजुट होकर सत्तारूढ़ दल के विरूद्ध मतदान कर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताना राष्ट्रीय धर्म है।

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