इधर कुंभ खत्म हुआ और उधर फिर गंगा मइया होने लगीं मैली

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प्रयागराज। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी नमामि गंगे सहित गंगा मैया को स्वच्छ रखने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रहे हैं लेकिन उससे उलट प्रयागराज में कुंभ समाप्त होने के बाद गंगा मैया के दुर्दशा जैसी पहले थी वैसी ही अब पुुनः देखने को मिल रही है।
प्रयागराज मे कुंभ खत्म होते ही गंगा की दुर्गति का दौर शुरू हो गया है साधु संतों के दबाव के बीच कुंभ के दौरान गंगा में नालों का गिरना बंद कर दिया गया था अब ये फिर शुरू हो गया है 3 दिन से गंगा में नालों की गंदगी सीधे गिर रही है कानपुर के वह तमाम औद्योगिक शहरी नाले जिन्हें गंगा में गिरने से रोक दिया गया था।
अब वे सीधा गंगा में गिरते देखे जा सकते हैं एनजीटी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सतत निगरानी में सभी विभाग जिस तरह गंगा को मैैला ना होने देने की कवायद कर रहे थे वह अब कुंभ खत्म होने के बाद जैसे मानो आंखें मूंद कर बैठे हो,
बाबा घाट पंपिंग स्टेशन से हर रोज 6500000 लीटर सिवर गंगा को बोझिल कर रहा है इसे रोकने की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है वहीं चोर नालों से करीब 2 करोड़ लीटर सीवर सीधे गिर रहा है कुंभ के दौरान किए गए काम अब केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहे हैं।
गंगा में गिरने वाले नाले रोकने के लिए सरकारी मशीनरी ने कुंभ के दौरान दिन रात एक कर दिया और सबसे भीषण सीसामऊ नाला और चार अन्य नाले इसके साथ भी बंद कर दिए गए चार अन्य नालों का दूषित प्रवाह बायोरेमेडीएशन विधि से ट्रीट कर गंगा में जाने दिया गया।
पंपिंग स्टेशनों में अतिरिक्त मोटर रखी गई थी और अफसर लगातार निगरानी बनाए हुए थे लेकिन दुर्भाग्य है कि कुंभ खत्म होते ही यह सारे कार्यक्रम बंद हो गए जलकल 3 दिन से बाबा घाट पंपिंग स्टेशन की जली हुई मोटर भी नहीं बदल पाया है मयोर मिल नाले का 65 लाख लीटर दूषित सीवर बाबा घाट पर सीधे गंगा में गिर रहा है।
यही हाल बायोरेमेडीएशन विधि से साफ हो रहे नालों का है इस विधि से भी नाला साफ करने के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है बायोरेमेडीएशन विधि से सती चौरा, डबका नाला, गोलाघाट और रानी घाट पर प्रदूषित पानी ट्रीट हो रहा है लेकिन यहीं पर गंगा के किनारे अब काला पानी साफ देखा जा सकता है।
रानी घाट नाले से 50 मीटर दूर एक और नाला सीधे गंगा में गिर रहा है जबकि इसे कुंभ के दौरान बंद कर दिया गया था वहीं परमियांपुरवा नाले से हर रोज करीब एक करोड़ लीटर दूषित पानी बिना बायोरेमेडीएशन के सीधे गंगा में गिर रहा है।
अधिकारी यहां तर्क दे रहे हैं कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला सीवर इस नाले में मिलता है और उसकी गंदगी कम कर देता है कुंभ से पहले ₹570000000 से सीसामऊ, नवाबगंज, डबका और म्योर मिल नाला टैप किया गया गुप्तार घाट और परमिया पूर्वा नाला बंद करने का काम अभी भी चल रहा है।
इसे कुंभ के पहले बंद हो जाना चाहिए था गंगा बैराज से सिद्धनाथ घाट तक बसी बस्तियों का 2 करोड़ लीटर गंदा पानी सीधे गंगा मैया में जा रहा है इसके अलावा सत्ती चौरा, डबका नाला, वाजिदपुर नाला, गोलाघाट नाला बंद करने के लिए अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बनी है।
नालों को बंद ना करने को लेकर कंपनी पर जुर्माना लगाया गया है बायोरेमेडीएशन जून माह तक चलेगा 3:00 नाले छावनी परिषद को बंद करने हैं जो नालों को बंद करने के लिए कार्य योजना तैयार हो रही है।
घनश्याम दिवेदी, परियोजना प्रबंधक जल निगम

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