राशन देने के नाम पर रोज अंगूठा लगाने के लिए घर के सारे सदस्यों को इकट्ठा करता है कोटेदार

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देवरिया। जनपद के लार क्षेत्र के रतनपुरा गांव में सरकारी कोटे की दुकान चला रहे राजेंद्र जायसवाल 5 दिनों से ग्राहकों के अंगूठा लगाने में जुटे हैं।
लोगों का कहना है की सरकार हमें राशन तो देती है लेकिन इसके लिए हमारे घर के महिला पुरुष वह बच्चों को भी राशन की दुकान पर खड़ा कर दे रही है।
बता दें कि हर महीने अंगूठा लगाना लोगों को काफी नागवार लग रहा लेकिन क्या करें राशन जो लेना है। अंगूठा लगाने की समस्या को लेकर राशन लेने वाले ग्राहकों का कहना है कि यह सिस्टम अच्छा नहीं है।
ग्राहकों का कहना है पहले वाला सिस्टम सही था पहले घर के कोई भी सदस्य राशन कार्ड ले जाकर राशन उठा लाया करता था परंतु अब तो महिला, पुरुष, व बच्चों सहित सभी सदस्यों को लेकर जाना पड़ता है।
राशन को लेकर एक हफ्ते तक परेशानी झेलनी पड़ती है कोटेदार की दुुकान गांव के मध्य में स्थित है पहले तो लोग वहीं सरकारी दुकान पे अंगूठा स्कैन करा कर राशन प्राप्त कर लिया करते थे परंतु अब अंगूठा लगाने के लिए गांव के बाहर दूसरे के मकान के पास अंगूठा लगाने के लिए बुलाया जाता है।
किसी व्यक्ति का अंगूठा नहीं स्कैन हो पाता है तो फिर अपने घर 1 किलोमीटर उसको जाना पड़ता है किसी दूसरे सदस्य को लाने के लिए इसी समस्या को लेकर घर के सभी सदस्यों को आना पड़ता है जिस तरह हनुमान जी को संजीवनी बूटी के लिए पूरे पहाड़ लेकर आना पड़ा ठीक उसी तरह अपने घर के सभी सदस्य को लेकर आना पड़ता हैं।
अगर मेरा अंगूठा स्कैन नहीं हो सकेगा दो घर के किसी भी सदस्य का अंगूठा स्कैन हो जाएगा। एक हफ्ता अंगूठा लगाने में और पैसा कलेक्ट करने में बीत जाता है फिर सप्ताह के अंतिम दिन यानी शनिवार को राशन बाटा जाता है।

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एक तरफ सरकार महिला को सम्मान की बात करती है तो दूसरी तरफ बहु बेटियों को राशन के लिए पूरे गांव के लोगों के सामने खड़ा कर दिया जा रहा है “सम्मान”तो नहीं लेकिन सामान जरूर मिल रहा है।

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