सुप्रीम कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने से किया इनकार

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नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया. सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में अदालत यह तय करेगी कि इस मामले की सुनवाई के लिए इसे संविधान पीठ भेजे जाने की जरुरत है कि नहीं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब इसकी अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था लेकिन सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। याचिका में बताया गया कि सरकार के इस फैसले से संविधान पीठ के 50 फीसदी की अधिकतम आरक्षण की सीमा का उल्लंघन होता है।
केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका यूथ फॉर इक्वॉलिटी और वकील कौशलकांत मिश्रा की तरफ से दाखिल की गई थी। इनके मुताबिक आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता है।
याचिका में कहा गया कि विधयेक संविधान के आरक्षण देने के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह सवर्णों को 10फीसदी आरक्षण देने के साथ-साथ 50फीसदी की सीमा का भी उल्लंघन करता है।
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बता दें कि सरकार के इस फैसले के लागू होने के बाद गुजरात, हरियाणा, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलना शुरु हो चुका है।

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