देवबंद से शुरू होगी सपा-बसपा व रालोद की चुनावी संयुक्त रैलियां

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक जुट होकर लोकसभा चुनाव में उतरा सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन होली के बाद नवरात्र में चुनावी अभियान का आगाज करते हुए संयुक्त चुनाव रैलियां करेगा।
रैलियों की शुरूआत सात अप्रैल को रालोद के गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के देवबंद से होगी। इस रैली में तीनों दलों के मुखिया यानि मायावती, अखिलेश यादव और अजीत सिंह चुनावी भाषण देंगे।
इस सम्बन्ध में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने आईपीएन से कहा
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद की संयुक्त चुनाव रैलियां चरणबद्ध तरीके से होली बाद शुरू हो जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इन संयुक्त रैलियों की शुरूआत नवरात्र के पवित्र दिनों में होगी। उन्होंने बताया कि गठबंधन की पहली संयुक्त रैली आगामी सात अप्रैल को देवबंद में होगी,
जिसको बसपा अध्यक्ष मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव एवं रालोद के अध्यक्ष अजीत सिंह सम्बोधित करेंगे। चौधरी ने कहा कि इस तरह की रैलियां पूरे सूबे में होंगी, जिसमें गठबंधन के नेता संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे।
चौधरी ने भाजपा सरकार को फेल बताते हुए कहा कि भाजपा राज में जीएसटी, नोटबंदी के चलते कुटीर उद्योगधंधे बंद हो गए है। किसान बदहाली की जिंदगी जी रहा है। महिलाएं असुरक्षा की शिकार हैं। भाजपा ने कृषि की पूर्णतया उपेक्षा की तभी भाजपा के राज में 50 हजार से ज्यादा किसानों को आत्महत्या करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि यूपी में सपा-बसपा व रालोद के गठबंधन से राजनीति में एक नई लहर पैदा हुई है। पार्टी प्रमुखया अखिलश यादव का मानना है कि विचारधारा पर आधारित इस गठबंधन के प्रति जनता में बढ़ते रूझान से भाजपा खेमें में घबराहट और बौखलाहट है। इससे भाजपा नेता सन्निपात की हालत में आकर विपक्ष के खिलाफ ऊल-जुलूल टिप्पणियां कर रहे हैं।
लेकिन जनता अब उनके बहकावे में आनेवाली नही है। उसे भाजपा का पूरा चरित्र मालूम हो गया है इसलिए अब 2019 के चुनावों में नया प्रधानमंत्री और नई सरकार चुनने के दृढ़ संकल्प से मतदाता को कोई भी ताकत डिगा नहीं सकती है।

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