चुनाव के नतीजों से पहले 50 फीसदी VVPAT पर्चियों के सत्यापन की मांग को लेकर, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 21 विपक्षी दल

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले फिर से ईवीएम का मुद्दा गरमाने लगा है। चुनाव प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर गुरुवार को 21 विपक्षी दलों के नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। विपक्षी दलों की मांग है कि कम से कम 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए।
इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शुक्रवार के बाद ही पता चल सकेगा कि सुप्रीम कोर्ट विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार करता है कि नहीं ? हालांकि चुनाव आयोग इस मांग को ठुकरा चुका है।
इस बार आम चुनाव पिछले कई चुनावों से अलग होगा. इस बार के लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ हर मतदान केंद्र वीवीपीएटी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं इस बार ईवीएम मशीन में चुनाव चिन्ह्र के साथ-साथ उम्मीदवार की तस्वीर भी होगी।
कोर्ट जाने वाली पार्टियों में कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी, शरद पवार की एनसीपी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, वामपंथी पार्टियां, समाजवादी पार्टी और मायावती शामिल हैं. गौरतलब है कि पिछले कई विधानसभा चुनावों में विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे।
हालांकि चुनाव आयोग लगातार इस बात से इंकार करता रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल चुके हैं। जहां राहुल गांधी गुजरात विधानसभा चुनाव में हार के बाद तो अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव में हार के बाद ईवीएम पर सवाल खड़ा किया था।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इस बार आम चुनाव 7 चरणों में होना है. इसी आम चुनाव में नतीजों से पहले विपक्ष ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

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