जहां मुख्यमंत्री रहते कभी नहीं गए थे शिवराज सिंह, कुर्सी गंवाने के बाद पहुंच गए

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मध्य प्रदेश में भाजपा का बड़ा चेहरा शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को लोकसभा चुनाव के चलते ऐसी जगह चुनाव प्रचार करने गए, जहां 13 साल राज्य का मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह कभी नहीं गए। पूर्व सीएम शिवराज अशोकनगर शहर में प्रचार के लिए गए।
इस कार्यक्रम से पहले वह ना तो कभी शहर की यात्रा पर आए और ना ही चुनाव प्रचार किया। शिवराज पहले अशोकनगर क्यों नहीं गए इसका कारण कभी नहीं बताया गया। हालांकि एक अंधविश्वास यह बताया जाता है कि मुख्यमंत्री रहते जब किसी ने वहां का दौरा किया तो वह अगला चुनाव हार जाता है।
शिवराज चौहान आखिरी बार अशोकनगर साल 2003 में पहुंचे थे। तब वह विदिशा से सांसद थे। गुरुवार को अशोकनगर में अपने भाषण की शुरुआत करने हुए यह कहते हुए देर से आने की माफी मांगी, ‘देर आए, दुरुस्त आए।’
बता दें कि पूर्व में शिवराज चौहान ने विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए अशोकनगर की नगरपालिका सीमाओं में भी कदम नहीं रखा था। हालांकि एक बार उन्होंने अशोकनगर की विकास परियोजना की नींव रखी थी, यह कार्यक्रम भी शहर की सीमा क्षेत्र के बाहर किया गया। पिछले साल जून में भी उन्होंने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इसमें नया कलेक्टर निवास स्थान और करीब 200 करोड़ रुपए की नई योजनाओं का शिलान्यास शामिल था।
गुरुवार को जब एक पत्रकार ने पूर्व सीएम पूछा कि वह इतने लंबे समय तक शहर में क्यों नहीं आए? जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने शायद अशोकनगर का दौरा नहीं किया होगा। मगर में नियमित तौर पर जिले का दौरा करता रहा हूं। यहां के लोगों ने बड़े पैमाने पर मेरा समर्थन किया है। मेरा दिल अशोकनगर के लिए धड़कता है।
वहीं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने अशोकनगर को लेकर चले आ रहे अंधविश्वास पर कहा कि बहुत से मुख्यमंत्री जैसे- कांग्रेस के श्याम चरण शुक्ला, पीसी सेठी, अर्जुन सिंह और मोतीलाल वोहरा के अलावा भाजपा के सुंदरलाल पटवा अशोकनगर का दौरा करने के बाद सत्ता में वापस नहीं लौटे।

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