कंधे पर सोती बिटिया को लेकर IPS महिला ने थाने में ली अधिकारियों की क्लास

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नई दिल्ली। फिल्मों को देखते वक्त मन में ख्याल आता है कि काश ऐसे ही पुलिस अफसर हमारे समाज में भी होती तो शायद अपराधी खौफजदा रहते।
बॉलीवुड फिल्मों में हमने पुलिस वालों के कई अवतार देखें हैं लेकिन वास्तविकता में पुलिस वालों को लेकर हमारे मन में नकारात्मक छवि ही बनती है लेकिन ये खबर पढ़कर आप को थोड़ी तसल्ली जरूर मिलेगी।
ऐसी ही एक पुलिस कर्मचारी हैं जिसने सोती हुई बिटिया की फिक्र ना करते कर्तव्य का पालन किया। ये महिला एसएसपी हैं इंदौर की रूचि वर्धन मिश्र। इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र अपनी दो साल की बेटी नविशा को कंधे पर लेकर निरीक्षण करने निकल गई। इससे पहले ये ऑफिसर अपनी सास के पैर छूकर पदभार संभालने को लेकर चर्चा में रहीं थीं।
बताया जा रहा है कि एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र दफ्तर से शुक्रवार रात 9 बजे जब घर पहुंचीं तो बेटी उनके पास जाने की जिद करने लगी। उसी समय उन्हें खुड़ैल थाने के निरीक्षण के लिए जाना था। बेटी ने जिद की तो उसे भी साथ ले लिया। रात 11 बजे जब वे खुड़ैल थाने पहुंचीं तब तक बेटी सो चुकी थी. इस महिला अधिकारी ने बेटी की नींद से ज्यादा जरूरी अपनी ड्यूटी समझी।
अपनी सोती हुई बिटिया को कंधे में लिए हुए रूचि वर्धन मिश्र ने दो से ढाई घंटे तक अधिकारी की मीटिंग ली और थाना प्रभारी से थाने के बारे में जानकारी ली। इस दौरान पूरे समय रूचि वर्धन मिश्र गोद में बच्ची को लिए हुए थी. वहीं पुलिस वालों ने कहा भी कि मैडम बेटी को हम गोद में ले लेते हैं, लेकिन वो अपने काम में मशगूल रहीं।
प्रिंसिपल की एक बात ने बना दिया IPS
आई पी एस अफसर रूचि वर्धन मिश्र 2006 में IPS बनीं. रूचि वर्धन मिश्र ने 11वीं में पीसीएम लिया, लेकिन केमिस्ट्री समझ नहीं आती थी. केमिस्ट्री में पासिंग मार्क ही आए थे।
हाफ ईयरली एग्जाम शुरू हुए थे और रूचि वर्धन मिश्र को लगा कि उनकी तैयारी पूरी नहीं हुई, उन्होंने अपनी मां को बताया कि मेरी पढ़ाई नहीं हुई है। मां ने उनको समझाया जितनी तैयारी है उतना लिख आना। रिजल्ट में पासिंग 19 नंबर आए।
तभी स्कूल प्रिंसिपल ने कहा-आपके केमिस्ट्री में नंबर कम आए हैं, आपसे हमें ऐसी अपेक्षा नहीं थी. यही बात उनके दिल में बैठ गई और उन्होंने अपनी पढ़ाई में दिन-रात एक कर दिया। इसके बाद 12वीं में मैरिट में आठवीं रैंक मिली. फिर ग्रैजुएशन में सबजेक्ट बदले।

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