लखनऊ: मंत्री मोहसिन रजा को सीएम योगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं मिली कुर्सी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया से मुखातिब हो रहे थे. इस दौरान सीएम योगी ने अपनी सरकार का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
मंच में सीएम, डिप्टी सीएम सहित बीजेपी के कद्दावर नेता मौजूद थे। इस दौरान यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा को मंच पर कुर्सी तक नसीब नहीं हुई।
मोहसिन रजा को बिना मेहनत के सत्ता का सुख मिला था. मंत्री जी को चुनाव लड़े बिना ही मंत्री पद मिल गया था। खैर, मंत्री जी को इसी बात से तसल्ली होना चाहिए कि उनको बिना जनता की अदालत में गए ही जनता का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल गया. जब मंत्री को अपनी बेइज्जती नहीं सही गई तो बेचारे पतली गली से निकल कर पार्टी दफ्तर से ही गायब हो गए।
हालांकि जनाब मोहसिन रजा के लिए ये कोई नई बात नहीं थी. इससे पहले भी कुम्भ स्नान और अयोध्या में आरती के दौरान वे बेइज़्ज़त हो चुके हैं। भाजपा नेताओं की तरफ से काफी देर तक कोई तवज्जोह न मिलने से परेशान मोहसिन रज़ा चुपके से वहां से खिसकने में अपनी भलाई समझी। इतनी बेइज्जती के बाद एक रिकॉर्ड जरुर कायम कर लिया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव में पूर्ण बहुमत से आई भारतीय जनता पार्टी ने योगी मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम चेहरे को भी शामिल किया है. योगी मंत्रिमंडल में उन्नाव जिले से ताल्लुक रखने वाले मोहसिन रजा को राज्यमंत्री बनाया गया है। मोहसिन क्रिकेटर भी रह चुके हैं. मोहसिन रजा ने एलडीए व विद्युत विभाग से इस्तीफा देने के बाद राजनीति में आए। मोहसिन रजा मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेप्तुल्ला के दामाद हैं।
मोहसिन रजा का छोटा भाई कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ट में महत्वपूर्ण पद पर आसीन है. उन्होंने मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला के माध्यम से भाजपा ज्वाइंन किया था। रजा को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी, तभी से मोहसिन रजा राजनाथ के खास हो गए थे।
मोहसिन रजा 2013 से सक्रिय राजनीति में हैं. उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने रणजी तक क्रिकेट खेला है। योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में मोहसिन रजा को शामिल एक अलग संदेश देने की कोशिश की गई है।

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