समझौता एक्सप्रेस ब्‍लास्‍ट मामले में असीमानंद समेत चारों आरोपी हुए बरी

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पंचकूला। बहुचर्चित समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में आरोपी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया गया है।
इस केस में पाकिस्तानी नागरिक राहिला वकील की याचिका एनआईए कोर्ट ने खारिज करते हुए असीमानंद समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया है।
वहीं ताजा जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने इस मामले पर भारतीय उच्चायुक्त के समक्ष विरोध दर्ज कराया है और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के सभी चार आरोपियों को बरी करने की निंदा की है.
पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि इस मामले में दिया गया फैसला कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया गया है. उन्होंने भारतीय न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और भारतीय न्यायालयों पर भरोसा जताया है.
समझौता एक्सप्रेस लिंक ट्रेन विस्फोट मामले की सुनवाई पंचकूला में वकीलों की हड़ताल के बाद गुरुवार को दो बार स्थगित हुई. मामले की सुनवाई को न्यायाधीश ने दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन वकीलों की हड़ताल जारी रहने की वजह से फिर से सुनवाई को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. मामले की सुनवाई गुरुवार सुबह होनी थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने 11 मार्च को फरवरी 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे जिसमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे।
एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा एक नई याचिका दाखिल करने के बाद विशेष एनआईए अदालत को 14 मार्च को फैसला सुनाना था जिसे अब सोमवार तक के लिए टाल दिया गया है। पाकिस्तानी महिला राहिला ने अपनी वकील के जरिए एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया कि वारदात के पाकिस्तान के प्रत्यक्षदर्शियों को सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया है. राहिला विस्फोट में मारे गए एक पाकिस्तानी की बेटी हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान के गवाहों को न तो समन भेजा गया और ना ही अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया. एनआईए अदालत को नई याचिका को स्वीकार करने पर फैसला लेना है। एनआईए अदालत ने इस मामले में जनवरी 2014 को हिंदू नेता स्वामी असीमानंद व तीन अन्य कमल चौहान, राजेंद्र चौधरी व लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
असीमानंद को अदालत से अगस्त 2014 में जमानत मिल गई। इस मामले में बहस 6 मार्च को समाप्त हो गई और एनआईए अदालत ने कहा था कि फैसला 11 मार्च को सुनाया जाएगा।
यह विस्फोट दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में हुआ था, जिसमें 68 लोग मारे गए थे जिसमें 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय व 15 अज्ञात लोग शामिल थे।

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