कांग्रेस गरीब को नारा देती है, साधन नहीं: अरुण जेटली

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नई दिल्ली। अरुण जेटली ने सोमवार को राहुल गांधी के गरीबों को न्यूनतम आय के वादे पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को गरीबी में डाला और गरीबी के नाम पर देश को 50 साल तक गुमराह किया। इंदिरा गांधी ने चुनाव तो गरीबी हटाओ के नाम पर जीता था।
लेकिन, उनके कार्यकाल में केवल गरीबी का वितरण हुआ। आपको कोई भी ऐसा काम नहीं याद होगा, जिसमें गरीबों को ऊपर लाने पर काम हो। जेटली ने कहा, कांग्रेस का नारा है- गरीब को नारे दो, उसे साधन मत दो।
जेटली ने राजीव गांधी के कार्यकाल पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजीवजी के समय विवाद ही चलते रहे इसलिए कार्रवाई नहीं हुई। 10 वर्ष के यूपीए के कार्यकाल में भी किस प्रकार से छल-कपट और धोखा होता रहा। कर्जमाफी जो सबसे पहली स्कीम आई थी 2008 में, उसमें 70 हजार करोड़ रु. की ऋण माफी की घोषणा की गई थी।
लेकिन, हुआ नहीं। मनरेगा में 40 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की जगह सिर्फ 28 हजार करोड़ ही खर्च हुआ। जेटली ने कहा कि केवल नारों और वादों से गरीबी नहीं जाएगी।
कांग्रेस ने कई राज्यों में किसानों से कर्जामाफी के झूठे वादे किए। पंजाब और कर्नाटक में कई साल हो गए। कर्नाटक में खर्चा 2600 करोड़, मध्यप्रदेश में 3000 करोड़ खर्च है, ये सीधा धूल झोंकना है आंख में।
जेटली ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) न होने की वजह से मनरेगा में थोड़ा-बहुत अंश ही किसान तक पहुंचता था। लेकिन मोदी सरकार के डीबीटी लाने के बाद गरीबों पर डीबीटी के माध्यम से 5.34 लाख करोड़ रुपए दिए। उन्होंने कांग्रेस के न्यूनतम आय के वादे को छल बताया।

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