वाशिंगटन। अगर आपको आराम की नौकरी मिले, जिसमें आपको कुछ नहीं करना हो, केवल सोना हो तो आप इसे जरूर करना चाहेंगे। नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) जीरो ग्रैविटी के परीक्षण के लिए ऐसे ही 24 लोगों को ढूंढ रही है। यह परीक्षण 60 दिनों तक चलेगा, इसके लिए बकायदा उन्हें भुगतान भी किया जाएगा।
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यह परीक्षण जर्मनी में किया जाएगा। इसमें 24 वॉलंटियर्स की जरूरत होगी, जो 12-12 के दो समूहों में होंगे। सभी 60 दिन बिस्तर पर बिताएंगे। इस दौरान वॉलंटियर्स का सिर थोड़ा नीचे और पैर ऊपर की ओर होगा। इससे ब्लड सर्कुलेशन में कमी आएगी।
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लंबे समय तक स्पेस में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियां में असामान्य क्रियाएं होने लगती हैं। नासा और ईएसए जानना चाहते हैं कि जीरो ग्रैविटी में शरीर में और क्या-क्या बदलाव आ सकता है। साथ ही अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के दौरान इस परीक्षण से अंतरिक्ष यात्रियों को क्या फायदा मिल सकता है।
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वैज्ञानिक दूसरे राउंड के लिए 12 प्रतिभागियों की भर्ती कर रहे हैं। इस दौरान प्रतिभागी टीवी, फिल्में देखने के साथ ही गेम भी खेल सकेंगे। इसके लिए नासा टीम के प्रत्येक व्यक्ति को करीब 13 लाख रुपए भुगतान भी करेगी।