नई दिल्ली। चुनावी घोषणापत्र जारी करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते के दौरान राहुल गांधी ने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार है और वह प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देते हैं कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस करने के लिए तैयार हैं। राहुल गांधी ने कहा, ‘सब लोग हिंदू हैं, लेकिन सबको रोजगार की जरूरत है।’
सब लोग हिंदू हैं…सब लोग हिंदू हैं.. मगर देश में रोजगार की जरूरत है. देश में किसानों की मदद करने की जरूरत है. देश में न्याय की जरूरत है। महिलाओं को देखभाल की जरूरत है। महिलाओं को रिजर्वेशन देने की जरूरत है. नरेंद्र मोदी जी चुप रहे। नरेंद्र मोदी जी डरे हुए हैं। नरेंद्र मोदी जी सच्ची डिबेट नहीं करना चाहते हैं। मैंने बोला है और फिर मैं दोहरता हूं, भ्रष्टाचार पर मेरे से आकर डिबेट (बहस) करें, नेशनल सिक्योरिटी पर डिबेट करें, विदेश नीति पर आकर डिबेट करें….
राहुल गांधी के इस बयान के कई मायने हो सकते हैं. वह इस चुनाव में हिंदुओं के सवाल पर पीछे नहीं रहना चाहते हैं क्योंकि साल 2014 के चुनाव में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और हिंदू विरोधी छवि होने का नुकसान पार्टी भुगत चुकी है। इस बात का जिक्र एके एंटनी समिति ने अपनी रिपोर्ट में भी कही है।
बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने रणनीति बदलते हुए बीजेपी के उग्र हिंदुत्व का सामना नरम हिंदुत्व से करने का फैसला किया और गुजरात विधानसभा चुनाव के समय से ही राहुल गांधी ने मंदिरों के दर्शन करने से लेकर जनेऊ तक धारण कर डाला और यह सिलसिला राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव में भी जारी रहा है. वहीं ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी अब कांग्रेस को हिंदुत्व को पिच पर धीरे-धीरे लाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने समझौता ब्लास्ट में आरोपियों के बरी हो जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ‘हिंदू आतंकवाद’ की थ्योरी लेकर आई थी। लेकिन चौकन्नी कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक सधे बयान आ रहे हैं। वहीं भोपाल में आरएसएस के कार्यालय से सुरक्षा हटाए जाने पर लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ से अपील की है तुरंत वहां पर सुरक्षा वापस की जाए। फिलहाल राहुल गांधी का नया बयान ‘सब हिंदू हैं’ पर क्या प्रतिक्रिया होती है यह देखने लायक होगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने मंगलवार को 2019 लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी कर दिया है. घोषणापत्र कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा अन्य पार्टी नेताओं की उपस्थिति में जारी किया गया।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी. चिदंबरम ने कहा कि घोषणा पत्र में किसानों, उद्योगों, दलितों, अल्पसंख्यकों, कामगारों, महिलाओं के हितों को सम्मिलित किया गया है. देश में लोकसभा चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे. मतगणना 23 मई को होगी।
कांग्रेस के घोषणापत्र की बड़ी बातें
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गरीब लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे.
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कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो 22 लाख खाली पदों को मार्च 2020 तक भर देगी.
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10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार दिया जा सकता है.
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हिन्दुस्तान के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए किसी तरह की कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी.
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मनरेगा के तहत 100 से 150 दिन गारंटी रोजगार कर दिया जाएगा.
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किसान अगर कर्ज नहीं चुका पा रहा है तो इससे सिविल अपराध माना जाएगा.
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शिक्षा सेक्टर के लिए हमने तय किया है कि जीडीपी का छह फीसदी पैसा हिन्दुस्तान की शिक्षा के लिए दिया जाएगा