मुंबई। वीडियोकॉन ग्रुप पर बैंकों और दूसरे कर्जदाताओं के 90,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। भारतीय बैंकिंग के इतिहास में यह कॉरपोरेट बैंकरप्सी (दिवालिया) का सबसे बड़ा मामला हो सकता है।
न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से गुरुवार को यह जानकारी दी।
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वीडियोकॉन समूह की 2 प्रमुख कंपनियों वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड (वीटीएल) पर एसबीआई समेत अन्य बैंकों का 59,451.87 करोड़ रुपए और 26,673.81 करोड़ रुपए का कर्ज है।
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इसके अलावा 731 ऑपरेशनल क्रेडिटर्स (सप्लायर्स) की बकाया राशि अलग है। वीआईएल पर ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के 3111 करोड़ 79 लाख 71 हजार 29 रुपए बाकी हैं। जबकि वीटीएल पर 1266 करोड़ 99 लाख 78 हजार 507 रुपए बाकी हैं।
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वीडियोकॉन द्वारा लोन चुकाने में डिफॉल्ट करने पर पिछले साल एसबीआई ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करवाई थी। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के नियमों के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर सस्पेंड कर दिए गए।
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वीआईएल के 54 कर्जदाताओं में 34 बैंक शामिल हैं। इनमें से एसबीआई के सबसे ज्यादा 11,175.25 करोड़ रुपए बकाया हैं। वीटीएल के 34 कर्जदाताओं में भी एसबीआई के सबसे ज्यादा 4,605.15 करोड़ रुपए बकाया हैं।
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वीआईएल का दूसरा बड़ा कर्जदाता बैंक आईडीबीआई है। उसके 9,561.67 करोड़ रुपए बाकी हैं। वीटीएल का दूसरा बड़ा बकायादार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया है। उसका 3,073.16 करोड़ रुपए का दावा है।
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आईसीआईसीआई बैंक के वीआईएल पर 3,318.08 करोड़ और वीटीएल पर 1,439 करोड़ रुपए बकाया हैं। वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने इस साल जनवरी में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। चंदा कोचर पर भेदभाव के आरोप लगे हैं।