नमो टीवी पर विपक्ष ने कहा- चुनाव आयोग जल्द ले फैसला नही तो जाएंगे कोर्ट, चैनल पर बिना किसी रोक-टोक के पीएम मोदी का हो रहा प्रचार

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नई दिल्ली। ‘नमो टीवी की सामग्री बीजेपी से आती है और इसके बारे में बीजेपी से पूछिए.’ यह बात टाटा स्काई सीईओ ने अपने बयान में कही है. उन्होंने यह भी कहा है कि यह समाचार चैनल नहीं है, जैसा कि पहले बता दिया गया. यह एक अलग तरह की सर्विस है जिसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद ‘नमो टीवी’ को लेकर सवाल बने हुए हैं.
बिना लाइसेंस के डीटीएच प्लेटफॉर्म पर हर जगह चल रहे नमो टीवी को लेकर विवाद और गहरा गया है. बुधवार को सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया था कि नमो टीवी एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है…कोई सामान्य चैनल नहीं…और ऐसे प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत नहीं है.
लेकिन गुरुवार को एक ग्राहक के सवाल के जवाब में टाटा स्काई की ओर से कहा गया कि नमो टीवी एक हिन्दी न्यूज सर्विस है जो राष्ट्रीय राजनीति पर ब्रेकिंग न्यूज दिखाता है. फिर कुछ ही घंटे बाद टाटा स्काई के सीईओ ने बयान जारी कर कहा – ‘नमो टीवी एक विशेष सेवा है. विशेष सेवाओं के लिए लाइसेंस नहीं चाहिए. नमो टीवी हिंदी समाचार सेवा नहीं है. अगर टाटा स्काई में किसी ने समाचार सेवा बताया है तो यह गलती है. सामग्री से जुड़े सवाल बीजेपी (ग्राहक) से पूछिए. नमो टीवी की सामग्री बीजेपी से आ रही है.’
लेकिन नमो टीवी सिर्फ टाटा स्काई पर ही नहीं…एयरटेल जैसे दूसरे नेटवर्कों पर भी न्यूज कैटेगरी में दिखाया जा रहा है. एनडीटीवी ने जब टेलिकाम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी आफ इंडिया, यानी ट्राई से इस बारे में जानना चाहा तो संस्था ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. ट्राई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्रालय ही कोई जवाब दे सकता है.
अब बीजेपी बोल रही है कि इस मामले में हर खर्च का हिसाब रखा जा रहा है. बीजेपी नेता टाम वडक्कन ने कहा, “मैं बीजेपी के उन नेताओं से संपर्क में हूं जो इस तरह के मामलों को देखते हैं. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि सारे पेमेंट चेक से हो रहे हैं और सब कुछ पारदर्शी है.
चुनाव आयोग ने सरकार को शुक्रवार की शाम तक का समय दिया है. अब इस मामले में शिकायतकर्ता विपक्षी दल कोर्ट जाने का इशारा कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के एडवोकेट ऋषिकेश कुमार ने कहा, “नमो टीवी केस पर चुनाव आयोग को जल्दी फैसला लेना होगा. अगर चुनाव आयोग जल्दी डिसीजन नहीं लेता है तो हम कोर्ट जाने का विकल्प तलाशेंगे. नमो टीवी के खिलाफ हम अपनी लड़ाई लेकर कोर्ट भी जा सकते हैं.”

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