नशे में फंसे युवक-युवतियों को खुद ट्रेनिंग का खर्च उठाकर, खेल की तरफ मोड़ रहा एक परिवार

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जालंधर/पंजाब। यहां के बस्ती शेख इलाके में रहने वाला चौहान परिवार नशे की गिरफ्त में फंसे बच्चों को बचाने के लिए मुफ्त में खेल की ट्रेनिंग दे रहा है। इससे बड़ी संख्या में बच्चे गलत राह को छोड़कर पहलवानी और पावरलिफ्टिंग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
चौहान परिवार परंपराओं को तोड़ते हुए लड़कियों को भी पहलवानी में प्रमोट कर रहा है। ट्रेनिंग के दौरान बच्चों के लिए जितना भी खर्च आता है, परिवार के सदस्य मिलकर उठाते हैं। युवाओं को गलत आदत से बचाने का परिवार का यह मिशन उनमें आत्मविश्वास जगाने का काम कर रहा है।
1968 में परिवार के मुखिया पृथ्वी राज चौहान ने कुछ पत्थर व दो मूंगलियां लेकर कसरत शुरू की थी। बाद में उन्होंने पहलवानी को जनून में बदला और अखाड़ा खोला। उनके निधन के बाद चारों बेटे इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
पृथ्वी राज के बेटे राज कुमार के मुताबिक, पहले तो केवल हम पिता के दिए संस्कारों को आगे बढ़ा रहे थे। लेकिन इन दिनों जब नई पीढ़ी को नशे के जाल में फंसा देख रहे हैं तो हमारा मकसद यही है कि अधिक से अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ सकें। चौहान परिवार नियमित तौर पर शहर में पावरलिफ्टिंग की प्रतियोगिता कराते हैं।
 इसका खर्च लाखों में पहुंच जाता है। लेकिन पूरा खर्च परिवार ही उठाता है। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली लड़कियों को होटल के बजाय परिवार अपने साथ ही ठहराता है, ताकि उन्हें बिल्कुल घर जैसा और सुरक्षित महसूस हो।

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