भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर के छापे के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के चेयरमैन और राजस्व सचिव ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। इस बीच कमलनाथ ने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से जो करने का प्रयास किया जा रहा है, उसमें कोई सफल होने वाला नहीं है।
वहीं, मंगलवार को ही कमलनाथ के निजी सचिव रहे प्रवीण कक्कड़ के सहायक अश्विन शर्मा के घर वन विभाग की टीम पहुंची। बाघ, काला हिरण, तेंदुए, सांभर, चीतल के अवशेषों का सजावटी सामान (ट्रॉफियां) बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि अश्विन पर वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
‘कैश का हिस्सा एक बड़ी राजनीतिक पार्टी को ट्रांसफर किया गया’
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इससे पहले दिल्ली से आई आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई में 281 करोड़ रु. के बेहिसाबी कैश रैकेट का पता चला था। सीबीडीटी ने बताया था कि राजनीति, व्यापार और सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों के जरिए यह रकम इकट्ठा की गई थी। सीबीडीटी के मुताबिक, कैश का एक हिस्सा हवाला के जरिए दिल्ली स्थित एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में भी ट्रांसफर किया गया। इसमें 20 करोड़ रु. की वह रकम भी शामिल है, जिसे हाल ही में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के तुगलक रोड स्थित आवास से पार्टी मुख्यालय में भेजा गया था। हालांकि, सोमवार को सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान में किसी नेता विशेष के नाम का जिक्र नहीं किया गया।
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अश्विन शर्मा- प्रतीक जोशी के यहां 10.46 करोड़ कैश मिला
अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी के यहां सोमवार सुबह 1.46 करोड़ रुपए की नकदी की और बरामदगी की गई। इसके दो बाद दो दिन की कुल जमा नकदी 10.46 करोड़ रु. हुई। इसके अलावा 281 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन के प्रमाण भी मिले। कैश अधिक होने के कारण आयकर विभाग की टीम ने एटीएम में कैश डालने वाली एजेंसी कैश रिप्लेसमेंट एजेंसी (सीआरए) की वैन बुलाई। इसके जरिए सारा कैश 5 बड़े बॉक्स में भरकर बैंकों में जमा कराने भेजा गया।
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कांग्रेस नेता के रिश्तेदार के यहां कई कैशबुक मिलीं
दिल्ली में छापों के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी के रिश्तेदार के यहां से बड़ी संख्या में कैशबुक मिलीं। इनके जरिए 230 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन किए गए। बोगस बिलों के जरिए 242 करोड़ रुपए विदेशों में भेजे जाने के पुख्ता प्रमाण भी मिले हैं। वे टैक्स हेवन कहे जाने वाले देशों में 80 से अधिक कंपनियों का संचालन कर रहे थे। इसके साथ ही दिल्ली के पॉश इलाकों में बेनामी संपत्ति भी मिली है। इस पूरे में मामले में चुनाव आचार संहिता का बड़ा उल्लंघन सामने आया है। इस बारे में चुनाव आयोग को अवगत करा दिया गया है।
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डीजीपी का सीएस को पत्र: सीआरपीएफ के इस्तेमाल का मुद्दा केंद्र के सामने उठाएं
आयकर छापों में राज्य पुलिस की जानकारी के बिना सीआरपीएफ के इस्तेमाल को लेकर डीजीपी वीके सिंह ने आपत्ति जताते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सीएस से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएं। सिंह ने पत्र में लिखा है कि आईटी के करीब 20 अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के ऑटोमेटिक हथियारों से लैस 200 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी इन छापों में शामिल रहे। जिस तरह रहवासी क्षेत्र में सीआरपीएफ को तैनात किया गया, वह खतरनाक दिखता है। इतनी बड़ी संख्या में हथियारबंद जवानों की उपस्थिति से खौफ पैदा हुआ। इस तरह के ऑपरेशन में केंद्रीय बलों को सहयोग करने के लिए राज्य पुलिस हमेशा तैयार है, लेकिन इस मामले में उनका रवैया संदिग्ध और असहयोगात्मक है।