स्‍मृति ईरानी ने चुनावी हलफनामे में माना, दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से नहीं पूरी की बी.कॉम की डिग्री

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अमेठी से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उन्‍होंने ग्रैजुएशन पूरा नहीं किया है। 2014 में जब स्‍मृति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया था, तब वह स्‍नातक नहीं थी। हलफनामे के अनुसार ईरानी ने 1991 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की, 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से 1994 में तीन वर्षीय बी.कॉम पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया लेकिन उन्होंने यह पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया।
ईरानी ने अपने हलफनामे में 4.71 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाली ईरानी के हलफनामे के अनुसार स्‍मृति के पास 1.75 करोड़ की चल संपत्ति और 2.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। इसमें 1.45 करोड़ रुपये मूल्य की कृषि योग्य भूमि और 1.50 करोड़ की आवासीय इमारत शामिल है।
हलफनामे के अनुसार 31 मार्च तक स्‍मृति के पास 6 लाख 24 हजार रुपए नकद और बैंक खाते में 89 लाख से ज्यादा की रकम जमा है। उनके पास राष्ट्रीय बचत योजना और डाक विभाग की योजना में 18 लाख रुपयों से ज्यादा की रकम जमा है जबकि 1.05 लाख रुपये के अन्य निवेश हैं।
अमेठी से भाजपा के टिकट पर खड़ी स्मृति के पास 13.14 लाख रुपये मूल्य की गाड़ियां और 21 लाख रुपये मूल्य के गहने भी हैं। उनके खिलाफ कोई एफआईआर लंबित नहीं है और न ही उनपर कोई कर्ज है। वहीं उनके पति जुबिन ईरानी के पास 1. 69 करोड़ रुपये की चल और 2.97 करोड़ की अचल संपत्ति है।
ईरानी ने गुरुवार को अमेठी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। ईरानी ने नामांकन पत्र के चार सेट जिला निर्वाचन अधिकारी आर. एम. मिश्रा के समक्ष दाखिल किये। इससे पहले ईरानी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रोडशो किया। ईरानी ने मुख्यमंत्री के साथ उसी मार्ग पर रोडशो किया, जिस पर कल पर्चा दाखिल करने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सपरिवार रोडशो किया था।
गौरीगंज के बूढनमाई मंदिर से शुरू हुए लगभग चार किलोमीटर लंबे रोडशो में लोगों की भारी भीड़ थी। रोड शो से पहले ईरानी ने पति जुबिन ईरानी के साथ पूजा अर्चना की। रोडशो के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया। ढोल नगाड़े बजाते हुए कार्यकर्ता नाच रहे थे।
महिलाओं की भी भागीदारी कम नहीं रही। कार्यकर्ता फूल बरसा रहे थे। उनके गले में भगवा रंग का अंगौछा था तो सर पर ”मैं भी चौकीदार हूँ” की टोपी लगी थी। युवा भगवा रंग में नारों से लिखी टीशर्ट व जैकेट पहने हुए थे।

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