जेट एयरवेज को 400 करोड़ की इमरजेंसी फंडिंग नहीं मिली, आज रात से सभी उड़ानें हो सकती हैं बंद

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मुंबई। कर्ज संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को बैंकों से इमरजेंसी फंडिंग नहीं मिल सकी। जेट ने संकट से उबरने और ऑपरेशन जारी रखने के लिए 400 करोड़ की आपातकालीन रकम की मांग की थी, लेकिन यह नहीं मिल सकी। सूत्रों का कहना है कि जेट आज रात से अपनी सभी उड़ानें बंद कर सकता है।
मंगलवार को जेट के सिर्फ 5 विमानों ने उड़ान भरी थी। मंगलवार सुबह जेट के बोर्ड की तीन घंटे तक बैठक हुई। बैंकों से मदद नहीं मिलने के कारण मैनेजमेंट ने बोर्ड के सामने कुछ दिन के लिए ऑपरेशन पूरी तरह बंद करने का प्रस्ताव रखा था। सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने अंतिम फैसला सीईओ विनय दुबे पर छोड़ा था। दुबे ने एसबीआई से तत्काल 400 करोड़ रुपए देने का आग्रह किया था। जेट को कर्ज देने वाले एक और बड़े बैंक पीएनबी के एमडी एवं सीईओ सुनील मेहता ने बताया कि पैसे देने पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका।
नाराज पायलटों ने दी थी चेतावनी
तीन महीने से सैलरी नहीं मिलने से नाराज पायलटों ने फिर चेतावनी दी है। उनके संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड के वाइस प्रेसिडेंट असीम वलियानी ने कहा कि एसबीआई पैसे देने को लेकर गंभीर नहीं है। संगठन दिवालिया कानून के तहत एनसीएलटी में अपील कर सकता है। मामला एनसीएलटी में गया तो बैंकों को कर्ज वापसी में महीनों लग सकते हैं। एक सूत्र ने बताया कि जेट का संकट बढ़ने के बाद 400 पायलट नौकरी छोड़ चुके हैं। अब जेट के पास 1,300 पायलट रह गए हैं।
डीजीसीए ने किराया घटाने को कहा
    • एविएशन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया कि जेट के सिर्फ 5 विमान उड़ान भर रहे हैं।
    • डीजीसीए ने एयरलाइंस के साथ बैठक की और 10 व्यस्त रूटों पर किराया घटाने को कहा।
    • डीजीसीए ने बैठक में जेट के खाली हुए स्लॉट दूसरी एयरलाइंस को देने पर भी चर्चा की।
    • एविएशन मंत्रालय एयरलाइंस की क्षमता बढ़ाने और किराए पर 18 अप्रैल को बैठक करेगा।
  1. सभी एयरलाइंस को 10 व्यस्त रूटों पर किराया घटाने के निर्देश
    उड्‌डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने बताया कि एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने मंगलवार को 40 रूटों पर किराए की समीक्षा की। पता चला कि जेट की गैर-मौजूदगी से 10 रूटों पर किराया 10-30% तक बढ़ गया है। सभी एयरलाइंस से इसे घटाने को कहा गया है।
  2. एतिहाद की आपत्ति के बाद जेट की नीलामी से नरेश गोयल बाहर हुए
    जेट एयरवेज की नीलामी से इसके संस्थापक नरेश गोयल बाहर हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एयरलाइन के लिए शुरुआती बोली लगाने वाली कंपनियों एतिहाद एयरवेज और टीपीजी कैपिटल ने गोयल के नाम पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि अगर गोयल रहे, तो वे नीलामी में आगे भाग नहीं लेंगे। इसी के बाद गोयल ने अपना प्रस्ताव वापस लिया। उन्होंने अमेरिका की फ्यूचर ट्रेंड कैपिटल और लंदन की आदि पार्टनर्स के साथ बोली लगाई थी। उन्होंने शुरुआती बोली के आखिरी दिन 12 अप्रैल को बोली जमा कराई थी।
  3. गोयल एयरलाइन के चेयरमैन पद और बोर्ड से भी इस्तीफा दे चुके हैं। अभी जेट में गोयल की 51% और एतिहाद की 24% हिस्सेदारी है। हालांकि गोयल करीब 31.2% शेयर बैंकों के पास गिरवी रख चुके हैं। एतिहाद ने पहले भी जेट में नए इन्वेस्टमेंट के लिए गोयल के बाहर जाने की शर्त रखी थी। यह ओपन ऑफर से भी छूट चाहती है। नियम है कि कंपनी में किसी की हिस्सेदारी 25% हो जाए तो उसे और 20% शेयर खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाना पड़ता है।
  4. पैसे देने पर बैंकों की वित्तीय सेवा सचिव के साथ बैठक
    पीएनबी के एमडी सुनील मेहता ने बताया कि बैंक जेट को पैसे देने के उपायों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार के साथ बैंकों की चर्चा भी हुई है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बैंक जल्दी ही जेट को पैसे दे सकते हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अभी जेट का मामला दिवालिया कोर्ट में ले जाना ठीक नहीं होगा।
  5. जेट पर 15,500 करोड़ का बकाया
    • 3,500 करोड़ कैंसिल टिकट के
    • 8,500 करोड़ कर्ज देने वाले बैंकों के
    • 3,500 करोड़ लीजिंग फर्मों के
  6. संकट का राजनीतिक कनेक्शन
    शिवसेना नहीं चाहती कि जेट को सरकार की मदद मिले, मैनेजमेंट से अच्छे संबंध नहीं 
    जेट एयरवेज के संकट के राजनीतिक कनेक्शन भी हैं। नरेश गोयल का उदय कांग्रेस पार्टी के शासन काल में हुआ था। लेकिन 2014 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार आने के बाद इसकी समस्याएं शुरू हो गईं। सूत्रों के अनुसार बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के साथ जेट एयरवेज के मैनेजमेंट के संबंध अच्छे नहीं हैं। इसने बीजेपी से कहा है कि जेट को सरकार की तरफ से कोई मदद न दी जाए।
  7. जेट में मुंबई की एक सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे एनसीपी नेता के भी पैसे लगे हैं। सूत्रों ने कहा, एनआरआई नरेश गोयल के पास इतने पैसे हैं कि अकेले जेट को संकट से उबार सकते हैं। लेकिन ज्यादातर पैसा कालेधन में है। उनका दुबई और लंदन में होटल चेन है। इसलिए जब एयरलाइन बंद होने के कगार पर है, वह चाहते हैं कि बैंक ही कर्मचारियों की सैलरी का खर्च उठाएं।
  8. एयरलाइन के शेयर 18.5% तक गिरे
    उड़ानें अस्थायी रूप से बंद होने की आशंका की खबरों के कारण जेट का शेयर बीएसई पर मंगलवार को इंट्रा-डे में 18.5% तक गिर गया। क्लोजिंग 7.6% नीचे 241.85 रुपए पर हुई।

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