गिरिराज जोर दे रहे राष्ट्रवाद पर और कन्हैया कुमार उठा रहे शिक्षा-रोजगार का मुद्दा

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बेगूसराय। बिहार की बेगूसराय सीट इस लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में है। पिछली बार नवादा से सांसद बने गिरिराज सिंह को भाजपा ने बेगूसराय से टिकट दिया है। वहीं, जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाए जाने की घटना से विवादों में आए कन्हैया कुमार को भाकपा ने प्रत्याशी बनाया है।
राजद ने भी इस सीट से तनवीर हसन को टिकट दिया है। संवाददाता ने इन तीनों प्रत्याशियों से बात की और इस मुकाबले के बारे में उनकी राय जानी।
गिरिराज सिंह: मुझे इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि विरोधी क्या कहता है। यहां महागठबंधन नहीं हुआ, महाठगबंधन हुआ है। महामिलावट है। गरीबों के हित के लिए उनके पास कोई एजेंडा नहीं है। उनका एजेंडा सिर्फ मोदी हटाओ है। मैं घटिया स्तर की राजनीति नहीं करता। गाली नहीं देता। वे मेरे नानी-नाना, फुआ-फुभा और बाबूजी को वो गाली देते रहें। गाली तो हमारे प्रधानमंत्री भी सुन रहे हैं, लेकिन मैं भारत की अस्मिता और संस्कृति को कभी टूटने नहीं दूंगा।
कन्हैया कुमार: हम जानते हैं कि बेगूसराय में हिंदू-मुस्लिम पोलराइजेशन का प्रयास चल रहा है। हम यह नहीं होने देंगे। हम सब बेगूसराय के लोग हैं। बेगूसराय के 30 लाख लोग सालों से साथ रहते आए हैं। किसी भी तरीके की हिंसा, मारपीट, दंगा-फसाद और माहौल खराब करने की कोशिश सफल नहीं होने देंगे।
डॉ. तनवीर हसन: मेरी पहली चुनौती भाजपा विरोधी वोट को बंटने से रोकने की है। कन्हैया वोटकटवा हैं। लोग इस बात को जानते हैं। इस बात की क्या गारंटी है कि कन्हैया भाजपा के लिए काम नहीं कर रहे हैं। वह यह तो बताएं कि उसके वोट कहां-कहां हैं, तभी तो कोई नया वोटर उनसे जुड़ेगा। दो-चार प्रतिशत कम्युनिस्ट पार्टी का कैडर वोट है, उसकी बात अलग है। कन्हैया अपनी कोशिश में सफल नहीं होंगे।
एजेंडा क्या है?
गिरिराज सिंह: कांग्रेस पाकिस्तान के सहारे भारत में राजनीति की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी यहां पाकिस्तान का एजेंडा सेट करना चाहते हैं। राहुल ने केरल में जब नामांकन दाखिल किया, तब मुस्लिम लीग का झंडा लहराया गया। मुस्लिम लीग का झंडा हमारे दुश्मन देश के झंडे की तरह है। वह पाकिस्तानी झंडे का परसेप्शन और रिफ्लेक्शन देता है।
कन्हैया कुमार: क्या बेगूसराय में विश्वविद्यालय की मांग राष्ट्रीय मांग नहीं है? लोगों को शिक्षा मिले, स्वास्थ्य की सुविधा मिले, ये भी राष्ट्र के सवाल हैं। उनका राष्ट्रवाद फर्जी है। एक है गोलवलकर का राष्ट्रवाद और एक है अंबेडकर का राष्ट्रवाद। अंबेडकर के राष्ट्रवाद की छायाप्रति हमारा संविधान है। देश का विकास कहां हुआ है? विकास तो नरेंद्र मोदी के दोस्त का हुआ है। देश का विकास तब माना जाता, जब 45 साल में बेरोजगारी का आंकड़ा सबसे कम होता। यह उल्टा है। सबसे ज्यादा है। लोगों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती। सरकारी स्कूल में मिड डे मील बनाने वालों को 38 रुपए मिलते हैं। लोगों को आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घूस देना पड़ती है। इंदिरा आवास योजना से आवंटित अपने ही घर के पैसे पाने के लिए घूस देना पड़ती है। हम लोग नरेंद्र मोदी के विकास के खोखले दावे की पोल खोल रहे हैं। जनता का विकास तब होगा, जब उसको रोजी-रोटी मिलेगी। उसे कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, घूमने-फिरने के लिए अच्छी सड़क और साफ पानी मिलेगा।
डॉ. तनवीर हसन: भाजपा राजनीति और चुनाव को मुद्दाहीन बनाने की कोशिश कर रही है। बेरोजगारी, महंगाई और राफेल डील में भ्रष्टाचार मुद्दा है। 2014 के चुनाव में भाजपा ने कहा था कि अच्छे दिन आएंगे। सभी को 15-15 लाख रुपए और हर साल दो करोड़ नौजवानों को नौकरी देने का वादा किया था। कहा था कि किसान को उपज का डेढ़ गुना मुनाफा मिलेगा। पांच साल में इनमें-से कौन से सवाल नजर आए? न अच्छे दिन आए, न किसी के खाते में 15-15 लाख डाले गए। ऐसे मुद्दे सेट किए गए जिससे लोगों को बरगलाया जाए, इमोशनल ब्लैकमेल किया जाए। आज उन्मादी राष्ट्रवाद का ड्रामा खड़ा किया जा रहा है। लोगों को एक बार फिर ठगने की कोशिश हो रही है।
बेगूसराय की जनता आपको क्यों वोट दे?
गिरिराज सिंह: आज समाज नहीं चाहता कि बेगूसराय की धरती पर खूनी क्रांति हो। यहां एक दो नहीं, 200-400 लोगों की मृत्यु हुई है। विधवाएं हैं। औद्योगिक केंद्र बंद हो गया। राजद के कारण समाजिक तनाव हो गया था। आज समाज अमन-चैन और विकास चाहता है।
कन्हैया कुमार: मैं वादा नहीं करता। वादा लोगों को ठगने के लिए होता है। शाहजहां को छोड़कर आज तक किसी ने वादा नहीं निभाया। उन्होंने मुमताज के नाम से ताजमहल बनवा दिया। वादा होता ही है नहीं निभाने के लिए। मैं लोगों को भरोसा दे रहा हूं कि नेता बनने आपके बीच नहीं आया हूं। आपका बेटा हूं। बेटा बनकर आपके सुख-दुख में शामिल रहूंगा। आपकी हक की लड़ाई को मिलकर लड़ूंगा। इससे ज्यादा हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
डॉ. तनवीर हसन: 20-25 साल से बेगूसराय के विकास के लिए काम कर रहा हूं। बलिया और दूसरे क्षेत्रों में जाकर देख सकते हैं। मैंने तो कुछ विकास किया है। कन्हैया ने क्या किया है जो सवाल उठा रहे हैं। इनकी तो अभी आंख ही खुली है।

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