प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी से नाखुश है BJP के नेता, मीटिंगों में रह रहे गैरहाजिर

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भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान के बाद भाजपा के कई स्थानीय पदाधिकारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर हुई बैठक से साफ तौर पर  रहे। ईटी की खबर के अनुसार पार्टी की तरफ से इन नेताओं को बैठक में शामिल नहीं होने पर नोटिस दिया जाएगा। इन लोगों से इस संबंध में कारण पूछा गया है। पार्टी इसे अनुशासनहीनता के रूप में देख रही है।
पूर्व विधायक पारुल साहू और चुनाव प्रबंधन समिति की सदस्य फातिमा रसूल पहले ही प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लेकर खुलेआम विरोध जता चुकी हैं। साहू ने तो ट्विटर पर पार्टी हाईकमान से आग्रह किया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि चुनाव सेक्यूलर रहे। साहू ने एक प्रज्ञा ठाकुर वाले एक बयान पर न्यूजपेपर की रिपोर्ट को भी टैग किया था।
भोपाल नॉर्थ से साल 2018 में भाजपा की एकमात्र महिला उम्मीदवार रसूल ने कहा था कि वह प्रज्ञा ठाकुर के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगी। इस बीच पार्टी नेतृत्व ने पदाधिकारियों से इस महत्वपूर्ण चुनाव से पहले एकजुट रहने का आग्रह किया है। साथ ही यह भी कहा है कि पार्टी की तरफ से ठाकुर से संयम बरतने के निर्देश दे दिए गए हैं।
मालूम हो कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस दिए जाने के बाद भाजपा के आलोक संज ने डमी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। वहीं भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ठाकुर को लेकर चुप्पी साध रखी है। सूत्रों का कहना है कि धर्म के मुद्दे पर दिग्विजय किसी पचड़े में पड़ना नहीं चाहते हैं। हाल ही में दिग्विजय ने कहा था कि वह सिर्फ ठोस मुद्दों को ही अपने प्रचार अभियान में उठाएंगे और सिर्फ विकास के मुद्दे पर ही ध्यान केंद्रित करेंगे।

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