संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में, मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित

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नई दिल्ली। जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर आखिरकार वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बुधवार को इसका फैसला हुआ। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, “सभी देशों ने मिलकर यह फैसला लिया है।’
चीन ने मंगलवार को ही इसके संकेत दे दिए थे कि वह इस बार मसूद का नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल करवाने की कोशिशों में रोड़ा नहीं बनेगा। हालांकि, इससे पहले चीन ने मार्च 2016 से इस साल की शुरुआत तक 4 बार भारत की कोशिशों को तकनीकी कारण बताकर रोका था। चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पाक के बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद मसूद अजहर को बहावलपुर में नजरबंद रखा गया था। उसे हाल में ही में इस्लामाबाद में किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है।
फ्रांस की सरकार ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले का स्वागत है। हम लगातार मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए अपील कर रहे थे। फरवरी में हुए पुलवामा हमलेके लिए आतंकवादी संगठन का यह सरगना जिम्मेदार था। फ्रांस में 15 मार्च को ही मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इसी साल ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को 21 देशों ने समर्थन दिया था। प्रस्ताव पेश करने के साथ ही फ्रांस ने अपने देश में मसूद की संपत्तियां जब्त करने का फैसला भी लिया था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन के दौरे पर थे। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इस मुलाकात के दौरान ही चीन ने इमरान को मसूद अजहर पर अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था।
किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद करती है। प्रस्ताव 1267 में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है। सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थायी सदस्य हैं। इनके अलावा 10 अस्थाई सदस्य हैं। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है। दुनियाभर में उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। उसके यात्रा करने और उसे हथियार मुहैया कराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुका है। इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था। इसकी जिम्मेदारी भी मसूद के संगठन जैश ने ली थी। मसूद 2001 में संसद पर हुए हमले का भी दोषी है। इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसके अलावा जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस और इसी साल सितंबर में उरी में सेना के हेडक्वॉर्टर पर हमला किया था।
1994 में मसूद अजहर पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था। इसके बाद वो कश्मीर पहुंचा। अनंतनाग से उसे फरवरी 1994 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद यात्रियों की सलामती के ऐवज में मसूद अजहर को तत्कालीन भाजपा सरकार ने छोड़ दिया था।

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