केंद्र सरकार ने कहा- मसूद अजहर मामले में चीन का रुख बदलने के पीछे किसी तरह की सौदेबाजी या उनकी कोई शर्त नही मानी गयी हैं

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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के मामले पर उन्होंने धोनी जैसा नजरिया अपनाया। अकबरुद्दीन ने न्यूज एजेंसी से कहा कि मैं एमएस धोनी के समान काम करने में यकीन रखता हूं।
धोनी केवल लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए धीरज बनाए रखते हैं। अकबरुद्दीन ने कहा- धोनी यह मानते हैं कि आखिर में ही सही, मगर चीजें आपके अनुकूल हो सकती हैं। मैं भी यह मानता हूं कि किसी को भी जल्दी उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए।
इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की एक वजह पुलवामा आतंकी हमला भी है। जैश ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।” प्रवक्ता ने ये भी साफ किया कि इस मामले में चीन का रुख बदलने के पीछे किसी तरह की सौदेबाजी या उसकी कोई शर्त मान लेना नहीं है।”
रवीश ने कहा कि जैश सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाना पाकिस्तान के लिए बड़ी कूटनीतिक हार है। भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान तब सामने आया है जब पाकिस्तान ये दावा कर रहा है कि उसने तमाम राजनीतिक तथ्यों का अध्ययन करने के बाद प्रस्ताव पर हामी भरी है। रवीश ने कहा, “संरा की कमेटी नंबर 1267 के सामने हमने इस आतंकी से जुड़े तमाम साक्ष्य रखे और दूसरे देशों से इन्हें साझा भी किया। इसमें पुलवामा हमला भी शामिल था।”
बता दें कि 1267 कमेटी आतंकियों और उनके संगठनों पर प्रतिबंध से जुड़े वैश्विक मामलों को देखती है।
प्रवक्ता से जब उन खबरों के बारे में पूछा गया जिनमें कहा जा रहा है कि भारत ने चीन को मनाने के लिए कुछ ऑफर किया है। इस पर रवीश ने कहा, “भारत उन मामलों पर किसी तरह की कोई बातचीत नहीं करता जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होते हैं। हमारा सिर्फ एक लक्ष्य था। वो ये कि मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराया जाए। इस मामले के हल होने के बाद भारत और चीन के संबंध अब और बेहतर होंगे।”

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