मोदी-शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर 6 मई से पहले फैसला करे चुनाव आयोग: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस की शिकायतों पर 6 मई के पहले फैसला ले। कांग्रेस ने दोनों नेताओं के खिलाफ 9 शिकायतें आयोग को भेजी हैं। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी और शाह ने अपने चुनावी भाषणों में आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
मोदी के वर्धा और लातूर में दिए गए बयानों को आयोग ने क्लीन चिट दे दी है। इन्हें आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना गया है। मोदी ने वर्धा में भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की आलोचना की थी। साथ ही संकेत दिया था कि केरल के इस संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या अधिक है। लातूर में मोदी ने पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं से अपील की थी कि अपना पहला वोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले वीरों और पुलवामा के शहीदों के नाम समर्पित करें।
चुनाव आयोग ने बुधवार को भोपाल में भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बाबरी ढांचे पर दिए गए बयान को आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था। आयोग ने साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे तक रोक लगा दी है। साध्वी प्रज्ञा ने कुछ दिन पहले एक टीवी चैनल पर कहा था, “अयोध्या में विवादित ढांचे तोड़ने पर मुझे गर्व है। मैं खुद विवादित ढांचा गिराने गई थी। मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है।”
उत्तर प्रदेश में नेताओं द्वारा धार्मिक और विवादित बयान दिए जाने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चुनाव आयोग से सवाल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि आपने क्या कार्रवाई की? आयोग ने अपने पास अधिकार ना होने का हवाला दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तंज कसा था कि आप खुद को शक्तिहीन कह रहे हैं। इस टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती पर 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने की रोक लगाई थी। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान पर भी 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी।

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