पुरी तट से टकराया फैनी तूफान; निचली बस्तियाें में भरा पानी

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भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान फैनी ओडिशा में पुरी के तट से टकरा गया है। निचली बस्तियों में पानी भर गया है। यहां 175 से 180 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसका असर सुबह 11 बजे तक रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक, यह बंगाल से होता हुआ बांग्लादेश की तरफ बढ़ेगा ऐसे में पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी चेतावनी जारी कर दी गई है। ओडिशा में एहतियात के तौर पर 15 जिलों से 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। यह 20 साल में ओडिशा से टकराने वाला सबसे खतरनाक तूफान है।
इमरजेंसी नंबर
ओडिशा- 06742534177, गृह मंत्रालय- 1938, सिक्युरिटी- 182
तटरक्षक बल ने कहा है कि चक्रवाती तूफान फोनी को देखते हुए 34 राहत दलों और चार तटरक्षक पोतों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने दिल्ली में कहा कि नौसेना के पोत सहयाद्री, रणवीर और कदमत को राहत सामग्री और चिकित्सा दलों के साथ तैनात किया गया है। ये चक्रवात के तटीय इलाके से गुजरने के फौरन बाद राहत कार्य शुरू कर देंगे।
एनडीआरएफ की 28, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड ऐक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 302 रैपिड रेस्पॉन्स फोर्स टीम तैनात की गई हैं। राहत शिविरों में भोजन की व्यवस्था करने के लिए 5000 किचन बनाए गए हैं।
तटीय जिलों में रेल, सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। गुरुवार मध्यरात्रि से बीजू पटनायक इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें 24 घंटे के लिए रोक दी गई हैं। कोलकाता एयरपोर्ट भी शुक्रवार रात से शनिवार शाम 6 बजे तक बंद रहेगा।
चक्रवात दोपहर के आसपास पुरी पहुंचेगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल का रुख करेगा। इसका असर आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के  उत्तर-पूर्व इलाकों में भी दिखेगा। चक्रवात से ओडिशा के 14 जिले प्रभावित होंगे। इसमें पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, बालासोर, भदरक, गंजम, खुर्दा, जाजपुर, नयागढ़, कटक, गाजापटी, मयूरभंज, ढेंकानाल और कियोंझार शामिल हैं। इन जिलों के करीब 10 हजार गांव चक्रवात से प्रभावित होंगे।
यह तूफान पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ेगा, ऐसे में यहां दिघा, मदारमणि, शंकरपुर, ताजपुर और अन्य पर्यटन स्थलों से सैलानियों को बाहर निकाला जा रहा है।
ज्वाइंट टाईफून वॉर्निंग सेंटर (जेडब्ल्यूटीसी) के मुताबिक फैनी तूफान बीते 20 सालों में अब तक का सबसे खतरनाक चक्रवात साबित हो सकता है। ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से करीब 10 हजार लोग मारे गए थे। भारतीय मौसम विभाग सूत्रों के मुताबिक पिछले 43 सालों में यह पहली बार है जब अप्रैल में भारत के आसपास मौजूद समुद्री क्षेत्र में ऐसा कोई चक्रवाती तूफान उठा है।
क्षेत्रीय मौसम विभाग के पूर्व निदेशक शरत साहू के मुताबिक- ओडिशा में 1893, 1914, 1917, 1982 और 1989 की गर्मियों में भी तूफान आए थे। लेकिन इस बार का चक्रवात बंगाल की खाड़ी के गर्म होने से बना है। लिहाजा यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

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