श्रीनगर। पत्थरबाज को गाड़ी पर बांधकर चर्चा में आए मेजर लेतुल गोगोई की वरिष्ठता 6 महीने घटा दी गई है। साथ ही उनका तबादला भी जम्मू-कश्मीर से बाहर कर दिया गया।
कश्मीर स्थित सेना मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, उनपर महिला के साथ दोस्ती के मामले में यह कार्रवाई हुई है।
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गोगोई और उनके ड्राइवर समीर मल्ला का आदेशों के बावजूद महिला के साथ दोस्ती और कार्रवाई क्षेत्र में ड्यूटी के स्थान से दूर पाए जाने के मामले में कोर्ट मार्शल हुआ था। इसमें वे दोषी पाए गए थे।
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अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोपी मल्ला के कंपनी कमांडर के पास सजा का निर्णय करने का अधिकार था। इसमें कड़ी फटकार भी शामिल है। मल्ला 2017 में प्रादेशिक सेना में नियुक्त हुए थे। वे राष्ट्रीय राइफल्स के 53 सेक्टर में तैनात थे। राष्ट्रीय राइफल्स जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करता है।
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सेना मुख्यालय ने कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की पुष्टि की है। कोर्ट मार्शल के बाद यह तय किया गया कि गोगोई का कश्मीर से कहीं और तबादला किया जाएगा।
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मेजर गोगोई और उनके ड्राइवर को कश्मीर पुलिस ने 23 मई 2018 में होटल स्टाफ के साथ विवाद के बाद हिरासत में लिया गया था। आरोप है कि वे 18 साल की युवती के साथ स्टाफ के मना करने के बावजूद होटल में जबरन घुसने का प्रयास कर रहे थे।
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महिला ने कोर्ट मार्शल के दौरान सुनवाई में शामिल होने में अनिच्छा जाहिर की थी और कहा था कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को ही उसका अंतिम बयान माना जाए।
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महिला ने बताया था कि वह अपनी मर्जी के साथ मेजर गोगोई के साथ बाहर गई थी। हालांकि, उसने यह भी कहा था कि उसने फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए आर्मी अफसर से दोस्ती की थी। फेसबुक पर उसने अपना नाम उवैद अरमान बताया था। इस मामले में बिपिन रावत ने कहा था कि मेजर गोगोई अगर दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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मेजर गोगोई अप्रैल 2017 में चर्चा में आए थे। उस वक्त कश्मीर के बडगाम में उपचुनाव हो रहे थे। इसी दौरान कुछ पत्थरबाजों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था। इनसे बचने के लिए उन्होंने एक पत्थरबाज को अपनी गाड़ी पर बांधकर ढाल बनाई थी।