मेरे बयान आचार संहिता का उल्लंघन नहीं, शिकायतों पर निष्पक्ष कार्रवाई करे चुनाव आयोग: राहुल गांधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग में जवाब दाखिल किया। इसमें उन्होंने शहडोल में दिए अपने बयान पर सफाई और आयोग को निष्पक्ष कार्रवाई करने की नसीहत भी दी।
राहुल ने कहा कि मेरा बयान आदिवासियों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके लिए बनाई मोदी सरकार की नीतियों पर था। लिहाजा भाजपा की शिकायत को रद्द कर देना चाहिए। राहुल ने कहा कि भाषण में उन्होंने भारतीय वन कानून में हुए संशोधन को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया था।
चुनावी रैली के भाषण की लय में यह शब्द बोल दिए थे। इसके पीछे जनता को गुमराह करने या झूठ फैलाने की कोई मंशा नहीं थी। राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ आने वाली शिकायतों पर निष्पक्ष और संतुलित कार्रवाई की जानी चाहिए।
राहुल ने कहा, ”मैं कांग्रेस का स्टार प्रचारक हूं, इसलिए मेरे खिलाफ आई भाजपा की शिकायतें सिर्फ चुनाव अभियान में बाधा डालने से ज्यादा कुछ नहीं हैं। भाषणों में मोदी सरकार के कामकाज की आलोचना करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। शहडोल में भाजपा की आदिवासी विरोधी नीतियों को लेकर दिया गया था। इसलिए शिकायत को रद्द किया जाए।”
कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी सभाओं में लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। भाजपा की ओर से उनके खिलाफ कई शिकायतें चुनाव आयोग से की जा चुकी हैं। एक मई को शहडोल के दो भाजपा नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण को लेकर आयोग के सामने ऐतराज जताया था।
राहुल गांधी ने 23 अप्रैल को मध्यप्रदेश के शहडोल में कहा था कि मोदी सरकार एक ऐसा कानून लेकर आई है, जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है। वे आपकी जमीन और जंगल पर कब्जा कर सकते हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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