लखनऊ: रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर हाईकोर्ट हुआ सख्त, विभागों से मांगा जवाब

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लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने नगर निगम व
अन्य संबंधित विभागों द्वारा शहर के रिहायशी इलाको में बैंकिग,
नर्सिंग और अन्य किसी प्रकार की कामर्शियल गतिविधियों को रोकने के लिए
उठाए गये कदमों की जानकारी न देने पर नाराजगी जताई है।
कोर्ट ने इन विभागों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अगले छः सप्ताह में
यह जानकारी नहीं प्रदान की जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल व जस्टिस रजनीश कुमार की बेंच ने
निशातगंज रेजीडेंटस वेलफेयर एसोसिाएशन की ओर से
2001 में दाखिल एक विचाराधीन याचिका पर शुक्रवार को सुनवायी करते हुए यह आदेश पारित किया।
याचिका में शहर में विभिन्न जगहों पर अतिक्रमण के चलते होने वाली परेशानी का मुददा उठाया गया है।
कोर्ट ने पिछली सुनवायी पर एक महीने में अपना जवाब देने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में वे क्या कर रहें है।
किन्तु शुक्रवार को जब सुनवायी का समय आया तो सरकारी वकील ने जवाब देने के लिए और
समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी और
कहा कि यदि अगली सुनवायी पर जवाब नहीं आता तो जिम्मेदार विभागों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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