पीएम मोदी के इंटरव्यू की दो बड़ी गलतियां जो छिप गईं लेकिन सोशल मीडिया से नही छिप सकीं

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पीएम नरेंद्र मोदी का इस बार वाला इंटरव्यू पॉलिटिकल था।
सवाल भी पॉलिटिकल ही पूछे गए। लेकिन
इंटरव्यू जनता के बीच जाने के बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई।
सबसे पहले उनके उस बयान का मजाक उड़ा जिसमें उन्होंने बताया था कि
एयर स्ट्राइक के समय उन्हें लगा था कि बादलों की वजह से हमारे फाइटर प्लेन्स को आसानी रहेगी।
वो रडार की पकड़ से बच जाएंगे। उनके इस बयान से आलोचकों को मौका मिल गया।
सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर विपक्षी नेताओं ने इस पर चुटकी ली।
इन बयानों की बिन बादल बरसात में उस इंटरव्यू के दो अंश छिप गए।
मगर सोशल मीडिया के धुरंधरों से ये  कैसे बच सकते थे। सो ये भी सामने आ गए।

पीएम मोदी से एंकर ने जब पूछा कि आप पहले काफी कुछ लिखते थे।
अब भी लिखते हैं या नहीं? मोदी ने कहा कि ‘लिखते हैं।
आज भी एक कविता लिखी है। मेरी फाइल में पड़ी होगी।
ऐसे ही टेढ़े मेढ़े शब्दों में लिखी है। मेरी हैंड राइटिंग बहुत वैसी है।’

https://twitter.com/chulbulThurram/status/1127609027419095042?s=19

उसके बाद पीएम ने अपनी कविता पढ़ी। कैमरे ने जब पन्ने पर फोकस किया तो
उसमें टाइप किए हुए अक्षर मिले। इस पर भी सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि
या तो मोदी जी की राइटिंग बहुत अच्छी है या ये पेपर टाइप किया गया है।
तीसरी और आखिरी गलती ‘डिजिटल कैमरा’ और ‘ईमेल’ की थी।
उन्होंने कहा कि उनके पास 1987-88 में डिजिटल कैमरा था।
जिसमें आडवाणी जी की फोटो खींची थी। उसे ईमेल कर दी।
अगले दिन दिल्ली में वो फोटो कलर में छपी थी।

इस पर कहा गया कि भारत में पब्लिक के लिए पहली बार इंटरनेट ही 1995 में शुरू किया गया।
जो कि विश्व संचार निगम लिमिटेड का था। लोगों ने ही ये क्लेम किया कि
पहला डिजिटल कैमरा 1990 में बिकना शुरू हुआ था।
Logitech Fotoman कंपनी का ये कैमरा था और
उतना बड़ा तो बिल्कुल नहीं था जितना मोदी जी ने हाथ उठाकर बताया था।

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