पीएम नरेंद्र मोदी का इस बार वाला इंटरव्यू पॉलिटिकल था।
सवाल भी पॉलिटिकल ही पूछे गए। लेकिन
इंटरव्यू जनता के बीच जाने के बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई।
सबसे पहले उनके उस बयान का मजाक उड़ा जिसमें उन्होंने बताया था कि
एयर स्ट्राइक के समय उन्हें लगा था कि बादलों की वजह से हमारे फाइटर प्लेन्स को आसानी रहेगी।
वो रडार की पकड़ से बच जाएंगे। उनके इस बयान से आलोचकों को मौका मिल गया।
सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर विपक्षी नेताओं ने इस पर चुटकी ली।
इन बयानों की बिन बादल बरसात में उस इंटरव्यू के दो अंश छिप गए।
मगर सोशल मीडिया के धुरंधरों से ये कैसे बच सकते थे। सो ये भी सामने आ गए।
अभी तो सूरज उगा है…sharing a poem penned by me, capturing the spirit of optimism in our nation. pic.twitter.com/DI0iosB3ue
— Narendra Modi (@narendramodi) May 11, 2019
पीएम मोदी से एंकर ने जब पूछा कि आप पहले काफी कुछ लिखते थे।
अब भी लिखते हैं या नहीं? मोदी ने कहा कि ‘लिखते हैं।
आज भी एक कविता लिखी है। मेरी फाइल में पड़ी होगी।
ऐसे ही टेढ़े मेढ़े शब्दों में लिखी है। मेरी हैंड राइटिंग बहुत वैसी है।’
https://twitter.com/chulbulThurram/status/1127609027419095042?s=19
उसके बाद पीएम ने अपनी कविता पढ़ी। कैमरे ने जब पन्ने पर फोकस किया तो
उसमें टाइप किए हुए अक्षर मिले। इस पर भी सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि
या तो मोदी जी की राइटिंग बहुत अच्छी है या ये पेपर टाइप किया गया है।
तीसरी और आखिरी गलती ‘डिजिटल कैमरा’ और ‘ईमेल’ की थी।
उन्होंने कहा कि उनके पास 1987-88 में डिजिटल कैमरा था।
जिसमें आडवाणी जी की फोटो खींची थी। उसे ईमेल कर दी।
अगले दिन दिल्ली में वो फोटो कलर में छपी थी।
The first commercial production digital camera went on sale in 1990. In 1987, Modi had a digital camera. Surely must have been this prototype. pic.twitter.com/H7b8FMclha
— PЯΞ💤 🏹 (@PrezzVerde) May 13, 2019