गोवंश आश्रय स्थल के संचालन से धनाभाव एवं अन्य कई समस्याओं के चलते, पंचायत सचिवों ने खड़े किए हाथ

0
लखनऊ। निराश्रित गोवंशी पशुओं से लेकर घूमंतू पशुओं को पकड़े जाने की वास्तविक रिपोर्ट शासन ने जिलों से तलब की है। किस स्थान पर कितने पशु हैं और उनके खानपान में कितना खर्चा आ रहा है।
बाकायदा पूरा प्रारूप तैयार कर उसमें यह दर्ज करना होगा कि जिस इलाके में पशुओं को ठहराने के इंतजाम किए गए हैं वहां पर अभी कितने पशु जंगल में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं?
उन पशुओं को पकड़ने के क्या इंतजाम किए जा रहे हैं? लेकिन इसी बीच ग्राम्य विकास अधिकार एसोसिएशन व ग्राम पंचायत अधिकारी संघ ने गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन से हाथ खड़े कर दिए हैं।
  • संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने मंगलवार को गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन में आ रही दिक्क्तों से ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव को अवगत कराया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गंगेश का कहना है कि गोवंश आश्रय स्थल के संचालन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, पुलिस, बिजली, वन व सिंचाई विभाग को दी गई है।
  • ग्राम पंचायत सचिव के पास स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, विकास कार्यों का निष्पादन आदि की जिम्मेदारी है। बावजूद इसके पशुपालन विभाग की गोवंश आश्रय स्थल के संचालन की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई है। ऐसे में कई जिलों में कमी मिलने पर पंचायत सचिवों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। इससे सचिवों व प्रधानों में भय है। जिला स्तरीय अधिकारी बार-बार कमी निकालकर सचिवों पर विभागीय कार्रवाई की धमकी देते हैं।
  • प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अन्य योजनाएं प्रभावित न हों, इसके लिए गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन का जिम्मा पशुपालन व वन विभाग को दे दिया जाए। इस मौके पर प्रांतीय महामंत्री दीपक चौधरी, प्रांतीय महामंत्री विरेंद्र सिंह आदि लोग थे।
इस संबंध में प्रधानों ने भी पत्र लिखकर गोवंश आश्रय स्थल के संचालन से हाथ खड़े कर दिए हैं। लखनऊ में 19 पशु आश्रय स्थल बनवाया गया है। लगभग तीन हजार की संख्या में इन पशुओं को प्रतिदिन का चारा पानी देने के लिए बीडीओ के खाते में छह लाख रूपए दिए गए हैं।
तीस रूपए प्रतिदिन के हिसाब से पशुओं को चारा देने में पंचायतों की दशा खराब है। चारे का भाव आसामान छू रहा है। लिहाजा बाजार से सस्ती सब्जी खरीदकर पशुओं की भूख मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
पारा भदराही की पंचायत प्रधान लक्ष्मी सिंह, मसीढ़ा रतन के प्रधान हरद्वार यादव, भानपुर के प्रधान अमृतलाल ने बीडीओ को पत्र लिखकर धनाभाव की समस्या से अवगत कराते हुए केंद्रों के संचालन में असमर्थता जताई है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More