ओम प्रकाश राजभर मंत्रिमंडल से बर्खास्त, उनकी पार्टी से 7 लोग निगमों के अध्यक्ष पद से भी हटाए गए

0
लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश की थी। राज्यपाल से अनुमोदन मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई।
हालांकि, राजभर ने कहा कि उन्होंने 13 अप्रैल को ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था। अब बर्खास्त किया जाए, या कुछ और हो, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। योगी सरकार ने राज्यमंत्री अनिल राजभर को ओमप्रकाश के मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया।
ओमप्रकाश राजभर के अलावा पांच निगमों में पार्टी के सात अध्यक्ष और सदस्यों को पदमुक्त किया गया। इनमें ओमप्रकाश के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयरमैन पद से हटाया गया।
इसी तरह उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष राणा अजीत सिंह, राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी और राधिका पटेल, उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगाराम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटाया गया।
ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी के बाद योगी ने सरकार ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर का कद बढ़ा दिया। ओम प्रकाश राजभर के सभी पद अनिल को सौंप दिए गए। माना जा रहा है कि, भाजपा राजभर समाज को साधने के लिए अपने मंत्री अनिल राजभर को चेहरा बनाए हुए है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा किओमप्रकाश राजभर पिछड़ों के नहीं, परिवार के नेता हैं। भाजपा के कारण विधायक और मंत्री बने, लेकिन उन्होंने पिछड़ों के हक की लड़ाई के नाम पर शुद्ध रूप से नाटक किया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण पिछड़ा वर्ग भाजपा और नरेंद्र मोदी के साथ था है और रहेगा।
आरक्षण के वर्गीकरण की मांग को लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री राजभर अक्सर भाजपा और मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथके खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे। चुनाव से पहले उन्होंने आरक्षण के वर्गीकरण को लागू करने की मांग रखी थी। मांग पूरी न होने पर उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उनका इस्तीफा तब स्वीकार नहीं हुआ था।
योगी और भाजपा सरकार के खिलाफ बयानबाजी के बाद राजभर ने अपनी पार्टी सुभासपा के टिकट पर पूर्वांचल की 39 सीटों पर उम्मीदवार भी उतार दिए थे। पांच सीटों पर उम्मीदवारों के नामांकन खारिज होने के बाद राजभर नेएनडीए में रहने के बावजूद विपक्षी दलों को समर्थन देने का ऐलान किया था।
राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। लेकिन मैंने मना कर दिया था। क्योंकि, इससेमेरी पार्टी खत्म हो जाती। मुझे पता था कि, चुनाव तक कुछ नहीं होगा, उसके बाद ऐसा कुछ होने वाला है। अब जो कुछ करना हो, वह करें, मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More