21 साल बाद बीजेपी के खाते में गया कन्नौज, हार गईं डिंपल यादव

0
मोदी तूफान में बीजेपी ने 21 सालों बाद कन्नौज में कमल खिलाने में सफलता हासिल की है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और
बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। डिंपल यादव बीजेपी के सुब्रत पाठक से 12,086 वोटों से हार गईं।
इस हार के बाद समाजवादी पार्टी में मायूसी छाई है। बीजेपी ने कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर सपा को सबसे गहरा घाव दिया है।
सपा-बसपा गठबंधन मिलकर भी डिंपल की सीट नहीं बचा सका। कन्नौज समाजवादी पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में मानी जाती थी।
मुलायम परिवार के लिए इसे ‘लॉन्चिंग सीट’ भी माना जाता रहा है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी पहली बार यहीं से जीतकर संसद पहुंचे थे।
इसके बाद स्वयं अखिलेश यादव भी कन्नौज से जीते थे। डिंपल यादव भी पहली बार
कन्नौज से ही लोकसभा चुनाव जीती थी। समाजवादी पार्टी का कन्नौज लोकसभा सीट पर पिछले 23 वर्षों कब्जा था।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले कन्नौज लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे।
लेकिन सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन होने के बाद
अखिलेश यादव ने डिंपल को कन्नौज से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया। सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद
समाजवादी पार्टी को पूरा भरोसा था कि डिंपल का जीतना तय है। लेकिन जातिगत आंकड़ों और मोदी लहर में सपा का यह किला ढह गया।
2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिंपल यादव की टक्कर बीजेपी के सुब्रत पाठक से हुई थी।
तब डिंपल यादव ने 19,907 वोटों से सुब्रत पाठक को हराया था।
इस नजदीकी हार को बीजेपी ने हार नहीं माना, बल्कि इस हार से बीजेपी ने सबक लिया था और
बीजेपी को भरोसा हो गया था कि कन्नौज की सीट जीती जा सकती है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More