शासन-प्रशासन के मंशा पर पानी फेर रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामकोला के फार्मासिस्ट आरबी चौहान व ANM पुनिता कुमारी

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कुशीनगर रामकोला चिकित्सालय के गेट के बाहर फार्मासिस्ट आरबी चौहान ने अपनी खुद की प्राइवेट ऊं साई पैथोलॉजी सेंटर करते हैं संचालित।

Ramkola's pharmacist

अपने सिनीयर डाक्टरों के साथ करते रहते है गांली गलौज रामकोला स्वाथ केंद्र के चार सीनियर डाक्टर एवं कर्मचारियों ने फ़र्मासिस्ट रामबदन चौहान के विरुद्ध मुख्य चिकित्सा अधिकारी से किया शिकायत
जनपद कुशीनगर के रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के फ़र्मासिस्ट आरबी चौहान विगत 7 वर्षो से कार्यत हैं । स्वास्थ्य केंद्र रामकोला के डाक्टर शेष कुमार विश्वकर्मा,
व डाक्टर रजनीश कुमार श्रीवास्तव, और डाक्टर आनंद प्रकाश गुप्ता बाल रोग तथा डाक्टर राज कुमार समेत अन्य कई विभागीय कर्मचारी ने शिकायती पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देते हुए बताया है कि
रामबदन चौहान ,फ़र्मासिस्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामकोला मे विगत 7 वर्षो से कायरर्त है । घटना दिनांक 10 अप्रैल 2019 को रामबदन हम चारो डाक्टरों को गालियाँ दिया जिसकी सूचना शिकायती पत्र व

मिडिया ने अपने माध्यम से अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण अधिकारी गोरखपुर को दूरभाष से अवगत कराया पीड़ित चारो डाक्टरों ने ये भी अपनी पत्र मे बताया है कि
रामबदन चौहान प्रत्येक दिन अपना कार्य दावा वितरण न करके स्वयं मरीजों का ईलाज करता है जबकी चार चार डाक्टर मौजूद रहते हैं ।
फार्मासिस्ट रामबदन चौहान किसी भी रास्ट्रीय कार्यक्रमो मे कोई सहयोग प्रदान नही करता है जबकि उल्टे व्यधान उत्पन करता है डाक्टरों ने नीचे अपने पत्र में लिखा है की रामबदन चौहान ने पूर्व में इस तरह के कई घटनाएं कर चुका है।
जिसकी शिकायत कई बार कर्मचारियों द्वारा उच्च अधिकारीगण से किया जा चुका है । चारों डाक्टरों ने ये आरोप लगाते हुए कहा है की रामबदन स्थानीय राजनित मे स्लिप्त है।
इनके लिये गाली गलौज आम बात हो गया है फ़र्मासिस्ट के साथ कार्य करना संभव नहीं है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुशीनगर ने बताया की मामला संज्ञान मे नहीं था आप के द्वारा संज्ञान में लाया गया है।
जिसकी जांच करा कर कार्यवाही किया जाएगा । बताते चलें कि इमरजेंसी वार्ड में फार्मासिस्ट व एन एम एम पुनीता कुमारी भी बैठ कर करतीं हैं।
मरीजों का इलाज व मरिंजो को सरकारी बोतलें चढ़ाकर दो हजार से पच्चिस सौ रूपये ऐंठ लिया करती है। इतना ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना खुद का क्लिनिक बनवा रखीं हैं।
व प्रसूताओं का खुब धड़ल्ले से इलाज किया करतीं थीं उप जिलाधिकारी ने तोड़ने के आदेश भी दिए थे पर कुछ अधिकारियों के वजह से अभी तक तोड़ा नहीं गया अब देखना यह है कि उच्च अधिकारी नींद से कब जागते हैंं।
रिपोर्ट- प्रेमचंद खरवार

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