विधायक अलका लांबा ने AAP पार्टी छोड़ने का किया फैसला

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी विधायक अल्का लांबा के उन्हें पार्टी विधायकों के व्हाट्सग्रुप से निकाले जाने के दावे के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।
इसकी जानकारी अल्का लांबा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके दी। अल्का लांबा ने कहा कि जो सफर उन्होंने 2013 में शुरू किया था उसे वे 2020 में खत्म कर देंगी।
अल्का लांबा ने अपने ट्विटर पर लिखा, “2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफर 2020 में समाप्त हो जाएगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेगीं।

आशा करती हूं आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बने रहेंगे. आप के साथ पिछले 6 साल यादगार रहेंगे। आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार”
इससे पहले शनिवार को अल्का लांबा ने दावा किया था कि उन्हें पार्टी विधायकों के वॉट्सएप ग्रुप से एक बार फिर हटा दिया गया है। इस वॉट्सएप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
लांबा ने दावा किया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल के लिए मिली जीत पर उन्हें बधाई देने की वजह से उन्हें (लांबा को) व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम आप नेतृत्व के लिए ठीक नहीं है।
लांबा ने कहा “मैं बीजेपी के खिलाफ लड़ रही हूं लेकिन कुछ लोग मेरे खिलाफ लड़ रहे हैं. मेरी पार्टी के लोग मुझसे बार-बार इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं. मैं जानना चाहती हूं कि मेरी गलती क्या है. मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैं चाहती हूं कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र चांदनी चौक के लोग तय करें कि मुझे ‘आप’ से इस्तीफा देना चाहिए या नहीं।”
उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने का एक ही रास्ता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हाथ मिला लें।
व्हाट्पएप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर दिखाते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
इस स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से आप के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है। पांडे ने हालांकि इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया।

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