गौरी लंकेश मर्डर केस में 18 में से 16 आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली SIT को कर्नाटक सरकार देगी 25 लाख रुपये का इनाम

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पत्रकार गौरी लंकेश हत्‍याकांड की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) को 25 लाख रुपये का पुरस्‍कार मिलेगा।

Gauri Lankesh Murder

कर्नाटक सरकार ने एक आदेश जारी कर इसका ऐलान किया है। आईजी बीके सिंह की अगुआई वाली कर्नाटक पुलिस की SIT में कुल 91 सदस्‍य थे।
SIT ने हत्‍याकांड से जुड़े 18 में से 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। टीम ने मामले की शुरुआती और सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर रखी है।
पांच सितंबर 2017 को ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक गौरी लंकेश (55) की उनके आवास पर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं।
‘किताब में लिखी बातों पर चल रहे थे हत्‍यारे’
चार्जशीट के मुताबिक, लंकेश की हत्‍या उन लोगों ने की जो सनातन संस्‍था नाम के समूह द्वारा प्रकाशित ‘क्षात्र धर्म साधना’ नाम की किताब का अनुसरण कर रहे थे।
96 पेजों की किताब ‘क्षात्र धर्म साधना’ संस्था के संस्थापक जयंत अठावले ने लिखी है।
इसमें हिंदू धर्म की रक्षा के लिए योद्धाओं के कर्तव्यों की रूपरेखा तैयार करने का जिक्र है। SIT के मुताबिक,
लंकेश को उनके लेखों और भाषणों के लिए निशाना बना गया। किताब के अनुसार इससे वह ‘दुर्जन’ बन गई थीं।
गौरी लंकेश मर्डर केस के सभी 18 आरोपियों के नाम चार्जशीट में हैं।
इनमें से 16 को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार आरोपियों में से एक ऋषिकेश देवडीकर है जो सनातन संस्था का सदस्य रह चुका है।
SIT यह मान रही थी कि यह बहुत बड़ा नेटवर्क है और पूरे भारत में फैला है।
गौरी लंकेश की हत्‍या के तार नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, एम एम कलबुर्गी की हत्या से जोड़कर भी दखे गए हैं।

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