गोडसे प्रेम के चलते मंत्री पद से चूके अनंत हेगड़े?

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पिछली सरकार में मंत्री थे अनंत हेगड़े, इस बार मौका नहीं मिला। इनमें से एक नाम अनंत हेगड़े का है।

अनंत हेगड़े

राजनैतिक पंडितों का कहना है कि उनके विवादित बयानों ने उन्हें मंत्रीपद से दूर किया है।
अनंत हेगड़े कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ सीट से दोबारा चुनाव जीते हैं।
नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में वो कौशल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे।
लेकिन वो खबरों में अपने काम को लेकर नहीं, बयानों को लेकर रहे. उनके विवादित बयानों की लंबी चेन है।
दिसंबर 2017 में उन्होंने कह दिया था कि बीजेपी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है। उन्होंने कहा था-
‘जो लोग खुद को धर्मनरपेक्ष करते हैं, वे नहीं जानते कि उनका खून क्या है।
हां, संविधान यह अधिकार देता है कि हम खुद को धर्मनिरपेक्ष कहें, लेकिन
संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं, हम भी उसमें संशोधन करेंगे, हम सत्ता में इसलिए ही आए हैं।’
इस बयान पर बीजेपी खुद सकते में आ गई थी लेकिन अनंत हेगड़े आगे भी ऐसे बयान देते रहे।

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के समय एक रैली में कह गए कि
‘जो हिंदू लड़कियों को छुए, उसके हाथ नहीं बचने चाहिए.’ ताजमहल पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि
‘ताजमहल पहले तेजो महालय था, जिसका नाम बदलकर ताजमहल कर दिया गया।
अगर हम लोग इसी तरह सोते रहे तो एक दिन हर किसी के घर का नाम भी बदल दिया जाएगा।
हमारे भगवान राम को जहांपनाह कहा जाएगा और माता सीता को बीवी पुकारा जाएगा।’
अनंत कुमार हेगड़े टीपू सुल्तान को रेपिस्ट भी बता चुके हैं. उनका ताजा बयान किसी रैली में नहीं, ट्विटर पर आया था।
जब प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था और बाद में माफी मांग ली थी।
अनंत हेगड़े ने ट्वीट किया था कि माफी मांगने की जरूरत नहीं है. वक्त आ गया है कि इसे स्वीकार किया जाए।
हालांकि उनके ट्वीट डिलीट हो गए और फिर एक ट्वीट किया कि उनका ट्विटर हैंडल पिछली रात हैक हो गया था.
ट्विटर हैक हुआ या नहीं उसका पता नहीं चल सका लेकिन उनका मंत्री पद जरूर हैक हो गया।

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