नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के शपथ लेते ही विभागों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है।
केंद्र में BJP की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अमित शाह को रक्षा मंत्री या गृह मंत्री या वित्त मंत्री बनाने की पेशकश की है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है कि ‘भाजपा पर शाह का पूरा नियंत्रण आ गया है।
अब मोदी की तरफ से सरकार पर भी उनका नियंत्रण रहेगा।’
शिवसेना ने लिखा है, “अमित शाह कौन-सा विभाग स्वीकार करते हैं? गृह विभाग या रक्षा विभाग?
अरुण जेटली द्वारा निवृत्ति लेने के कारण वित्त विभाग को शाह का नेतृत्व मिलता है क्या यह देखनेवाली बात होगी।
शाह को रक्षा विभाग मिला तो पाकिस्तान का सवाल हमेशा के लिए हल हो जाएगा, ऐसा लोगों को विश्वास है।
उन्होंने गृह विभाग स्वीकार किया तो अयोध्या में राम मंदिर आसानी से बन जाएगा।”
पत्र में आगे कहा गया है, “इसके अलावा कश्मीर में धारा-370 रद्द करने की घोषणा उन्होंने की है
उस कार्य को गति मिलेगी। समान नागरिक कानून लागू हो ऐसी अमित शाह की ही इच्छा थी।
देश भावना वही होने के कारण समान नागरिक कानून के बारे में वीर सावरकर का सपना साकार होगा।
नक्सलवाद और माओवादियों के हिंसाचार को खत्म किया जा सकेगा।
मुख्य रूप से ‘डॉलर’ की तुलना में रुपए में गिरावट रोज हो रही है।
इस गिरावट पर लगाम लगेगी। शाह के आने से मोदी सरकार को बल मिलेगा।”
मंत्रिमंडल पर टिप्पणी करते हुए ‘सामना’ में लिखा गया है, “विदेश मंत्रालय स्मृति ईरानी के पास जाएगा या
सुषमा स्वराज की जगह कोई और लेगा यह देखनेवाली बात होगी।
पिछले सरकार में विदेश नीति पर मोदी का ही प्रभाव था और दुनिया का भ्रमण करते समय मोदी सभी राजनीतिक व्यवहार देखते थे।
मोदी के मंत्रिमंडल में अकाली दल, लोक जनशक्ति और शिवसेना प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुई है।
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