आरक्षण प्रमाण पत्र के लिए परेशान हो रहे हजारों गरीब सवर्ण छात्र

0
नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में पहली बार गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देते हुए 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी।
लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 की अधिसूचना लगने के कारण उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में
गरीब सवर्णों को आरक्षण का प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है।
दरअसल, आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग (ईडब्लूएस) को मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया था।
लेकिन अब इस वर्ग के पात्रों को आरक्षण का प्रमाणपत्र लेने में खासी मशक्क्त करनी पड़ रही है।
इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सामान्यवर्ग को आरक्षण प्रमाणपत्र देने के लिए प्रारूप जिला और तहसील हेडक्वार्टर पर नहीं भेजा गया है।
वहीं जिला और तहसील प्रशासन के मुताबिक उनको अभी तक कोई भी शासनादेश नहीं मिला नहीं है। ऐसे में आरक्षण पत्र नहीं जारी किए जा सकते।
आरक्षण का प्रमाणपत्र नहीं मिलने से उन हजारों छात्रों के ऊपर दाखिले ख़ारिज होने की तलवार लटक रही है,
जो प्रतियोगी परीक्षाओं में ईबीसी कोटे का चयन कर चुके हैं।
इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थानों खासकर विश्वविद्यालयों के प्रवेश फार्म में भी यह कैटेगरी दर्शायी गई है।
लेकिन इस श्रेणी का सर्टिफिकेट होने के चलते अब आवेदक भटक रहे हैं।
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण का लाभ लेनी के लिए अपनी आय और
सम्पत्ति का प्रमाणपत्र जिले के डीएम, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट या फिर एसडीएम या तसहीलदार ही जारी करेंगे।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More