जो सांकेतिक होता है, उसको भागीदारी की कोई जरूरत नहीं: नीतीश कुमार

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पटना। बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जनता दल (यूनाइटेड) के शामिल न होने पर सफाई दी है।

नीतीश कुमार

नीतीश ने कहा कि “अमित शाह से मुलाकात में उन्‍होंने बताया कि हम एनडीए के सभी घटक दलों को एक-एक सीट दे रहे हैं
और आप को भी देना है। हम उनकी बात सुनते रहे और फिर हमने कहा कि
जहां तक सवाल है बीजेपी का, उसको तो पूर्ण बहुमत है।
हम सभी का उनको (BJP) समर्थन है लेकिन उनकी बात से जो लगा कि
एनडीए के घटक दलों को वो सांकेतिक रूप से प्रतिनिधित्‍व देना चाहते थे।
तो उस समय भी हमने कहा था कि इसकी कोई खास आवश्‍यकता नहीं है।”
बिहार सीएम ने आगे कहा, “हमने कहा कि उसमें और लोगों को कितना (मंत्री) बना रहे हैं,
बिहार में भी कितने लोगों को क्‍या कर रहे हैं, ये सब हम जानना चाहते थे।
जब उन्‍होंने एक ही की बात कही और कहा कि ये प्रतीकात्‍मक है।
तो हमने कहा कि इसमें तो हम यह समझते हैं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है लेकिन
फिर भी आप कह रहे हैं तो पार्टी से बात करेंगे। लौटकर गया तो पार्टी के लोगों से बात हुई।
16 लोकसभा में हैं, 6 राज्‍य सभा में है. सब लोगों ने कहा कि यह उचित नहीं है।”
नीतीश ने कहा, “जो सांकेतिक होता है, उसकी भागीदारी की कोई जरूरत नहीं है।
भागीदारी करेंगे तो आनुपातिक आधार पर होनी चाहिए। अगर भागीदारी होती है तो
कितनी सीटों पर कितने पद देंगे, ये हमारी पार्टी में बात थी लेकिन आनुपातिक प्रतिनिधित्‍व होना चाहिए और
हमें कितनी सीट चाहिए, उसके बारे में हमने कुछ नहीं कहा। हम लोगों ने कुछ मांगा ही नहीं।
जो उनके सांकेतिक प्रतिनिधित्‍व की बात आई तो हमको लगा कि इसकी आवश्‍यकता क्‍या है।”
उन्‍होंने कहा, “गठबंधन जब होता है, तब आनुपातिक प्रतिनिधित्‍व होना चाहिए।
इसके पहले भी केंद्र में सरकार रही है। पार्टी ने सभी साथियों से बात की।
हमने उनको यह बात बताई, तो उनके प्रभारी महासचिव हमारे यहां आए।
हमने कहा कि सब लोगों ने तो यही बात कह दी है. तो उसकी चिंता मत करिए कि हम लोगों को कोई परेशानी है।
बिहार में हम लोग मिलकर के काम कर रहे हैं. केंद्र में सांकेतिक रूप से भागीदारी की कोई इच्‍छा नहीं है।”
जदयू नेता ने कहा, “अगर सरकार में हिस्‍सेदारी करनी ही हो तो आनुपातिक हो तो अलग बात होती है।
यह उनको तय करना था कि कहां का अनुपात तय करना था, बिहार या देश का।
उनका प्रस्‍ताव था एक का।” उन्‍होंने कहा, “बिहार में जिस तरह से प्रचार हुआ है तो
सब लोगों ने एक-दूसरे का सहयोग भी किया है।”

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